Thar पोस्ट न्यूज। हिंदी साहित्यिक पुस्तकों पर चर्चा की श्रृंखला ‘सृजन संवाद’ की शुक्रवार को सूचना केंद्र सभागार में शुरुआत हुई। पहली कड़ी में वरिष्ठ कवि जुगल किशोर पुरोहित के हिंदी काव्य संग्रह ‘सृजन का आलोक’ पर वक्ताओं ने बात रखी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने की। उन्होंने कहा कि सृजन के आलोक में बीकानेर का स्थान सर्वोच्च है। यहां की समृद्ध साहित्यिक परम्परा देशभर में विशेष पहचान रखती है। उन्होंने कहा कि जुगल पुरोहित इसी तासीर के रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में विषयों की वैविध्यता है और कथ्यगत दृष्टि से गहराई है।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हो गए गीतकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि सृजन का आलोक की सभी रचनाएं परिपक्व हैं। सपाटबयानी इनकी सबसे बड़ी खूबी है। जो इन्हें सीधे पाठक मन से रूबरू करवाती हैं।
राजभाषा संपर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य ने कहा कि हिंदी के रचनाकारों के सृजन कर्म पर चर्चा की श्रृंखला प्रारंभ की गई है। इसके तहत प्रतिमाह अलग अलग पुस्तकों पर चर्चा होगी। उन्होंने राजभाषा प्रोत्साहन से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी।
कवि जुगल पुरोहित ने अपनी चुनिंदा रचनाएं प्रस्तुत की।
वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि ‘सृजन संवाद’ श्रृंखला बीकानेर की साहित्यिक परम्परा को और अधिक पुष्ट करेगी। अब्दुल शकूर सिसोदिया ने कहा कि ऐसे संवाद साहित्य के लिए लाभदायक होंगे। संजय हर्ष ने युवा रचनाकारों को शामिल करने का आह्वान किया। वरिष्ठ साहित्यकार शिव शंकर शर्मा ने बीकानेर की साहित्यिक परम्परा के अनुभव सांझा किए। इस दौरान डॉ. अजय जोशी, सलीम अहमद सलीम, मनीष पारीक, प्रेम नारायण व्यास, विक्रम सिंह, बृजेंद्र सिंह, परम नाथ, शेरू कच्छावा आदि मौजूद रहे।
*रोट्रैक्ट क्लब ने चैरिटेबल स्कूल के बच्चों के साथ मनाई दिवाली की खुशियां*
बीकानेर। पवनपुरी साउथ स्थित ब्लू मून चैरिटेबल स्कूल में रोट्रैक्ट क्लब के तत्वावधान में दिवाली संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। नन्ही बालिकाओं द्वारा अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा राम भजनों पर नृत्य गायन व नाटक की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। प्रधानाचार्य डॉ. अर्पिता गुप्ता ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से हमें धैर्य, वचन प्रतिबद्धता, नेतृत्व क्षमता, दयालुता, सत्य और सदाचार के गुण सीखने चाहिए व साथ ही क्लब का आभार व्यक्त किया। क्लब अध्यक्ष सुनील शर्मा एवं विनय हर्ष ने बच्चों को बताया कि दिवाली मनाने का मुख्य कारण भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुतियां देने के लिए आदित्य ध्रुवी, हेमंत, भावेश, माही, आहना, दिव्यांश, अनहद को पुरस्कृत किया गया। सभी बच्चों को पटाखे, बिस्किट, चॉकलेट व दीपक आदि उपहार में दिए गए। कार्यक्रम में पुरुषोत्तम ओझा, गौरव चौधरी, नीति शर्मा, स्नेहा शर्मा, रुखसार एवं सलमा आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।