Thar पोस्ट। शादी या निकाह की डोर नाजुक होती है। जो कई बार छोटी सी जिद से ही टूट जाती है। कई बार शादी समारोह में कुछ ऐसा हो जाता है कि शादी टूटने की कगार पर पहुंच जाती है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में। यहां 27 जनवरी को एक निकाह होना तय हुआ। वधु पक्ष बुलंदशहर के औरंगाबाद का रहने वाला था तो वर पक्ष दिल्ली के सीलमपुर का था। सब लोग खुश थे। तय समय पर बारात औरंगाबाद के एक मैरिज हॉल में पहुंची। बारातियों ने खाना खाया। खाने-पीने के कार्यक्रम के बाद काजी ने दूल्हा-दुल्हन को निकाह पढ़ाया। यह तक तो सब ठीक था। इसके बाद दूल्हे की दादी से वधु पक्ष के किसी व्यक्ति ने कुर्सी मांग ली। दूल्हे की दादी को यह बात नागवार गुजरी कि उनसे किसी ने कुर्सी कैसे मांग ली। यह उन्हें अपना अपमान लगा। फिर क्या था, बवाल शुरू हो गया। बवाल इतना बढ़ा कि अभी चंद घंटे पहले, जहां काजी ने निकाह पढ़ाया था, वहां अब तलाक की नौबत आ गई। जब वधु पक्ष को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मैरिज होम में अंदर से ताला जड़ते हुए दूल्हे समेत बारातियों को बंधक बना लिया। बाद में दूल्हे पक्ष द्वारा शादी में हुए खर्च अदा करने की बात पर दोनों पक्षों में सहमति बनी और तलाक़ के बाद बारात वापस दिल्ली लौट सकी। यह अनूठी शादी अब चर्चा में है।