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IMG 20210313 WA0205 रम्मत फेस्टिवल से बीकानेर के लोकनाट्य को मिलेगी नई पहचान- डॉ. कल्ला Bikaner Local News Portal पर्यटन, बीकानेर अपडेट
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दूसरे दिन हुआ चार रम्मतों का मंचन

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी रहे मौजूद

बीकानेर,13 मार्च। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि रम्मत फेस्टिवल से बीकानेर के लोकनाट्य रम्मत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिल सकेगी ।
डॉ. कल्ला ने शनिवार को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के रम्मत पार्क में चल रहे रम्मत फेस्टिवल के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि रम्मतों का इतिहास, बीकानेर के इतिहास के साथ जुड़ा है। होली के आगमन से पूर्व रम्मतों का आयोजन शहर के सामाजिक ताने-बाने को और अधिक मजबूत बनाता है। रम्मत मंचन यहां के सांप्रदायिक सौहार्द को और गहरा बना देता है। उन्होंने कहा कि रम्मतों के कथानक ऐतिहासिक घटनाओं से प्रेरित होते हैं, लेकिन इनमें समसामयिक विषय जोड़कर इनकी प्रासंगिकता को बनाए रखा गया है। यही इस लोकनाट्य की सार्थकता भी है। कला एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि रम्मत फेस्टिवल के जरिए रम्मतों के आयोजन को डिजिटल मीडिया से भी जोड़ा गया है। इससे इस नाट्य विधा से लोक कलाओं में रुचि रखने वाले देश-विदेश के युवा भी इससे जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा रम्मत पार्क का निर्माण करवाने और इस पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने से युवा अपनी सांस्कृतिक पहचान से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर में रम्मत खेलने की परम्परा सैकड़ों वर्षो से रही है। भाटी ने कहा कि रम्मतों का आयोजन एक उत्सव के रूप में होने से यह कला बीकानेर को विशिष्ट पहचान दिलाएगी। उन्होंने कहा कि कला और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजना हमारी साझी जिम्मेदारी है। हम अपनी लोक सांस्कृतिक विरासत को संधारित कर अपनी जड़ों से जुड़े रहे सकते हैं। इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किया गया अनूठा प्रयास अहम साबित होगा। उन्होंने महोत्सव के आयोजकों को इसके लिए बधाई दी।

कुलपति प्रो. वी. के. सिंह ने कहा कि रम्मत महोत्सव के दौरान ग्यारह रम्मतों का मंचन होगा। दूसरे दिन आचार्यों के चौक की अमर सिंह राठौड़ रम्मत, बिस्सों के चौक की भक्त पूरणमल की रम्मत, बारह गुवाड़ की नौटंकी शहजादी की रम्मत तथा बारह गुवाड़ की स्वांग मेहरी की रम्मत का मंचन किया गया। इस दौरान भारती और राहुल जोशी द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई।

आयोजन सचिव डॉ बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि डॉ. कल्ला और उच्च शिक्षा मंत्री ने सभी रम्मतों के उस्तादों का अभिनन्दन किया। कुलसचिव संजय धवन द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर दूसरे दिन के कार्यक्रमों का शुभारंभ किया।

इनका हुआ अभिनन्दन
इस दौरान भक्त पूरणमल रम्मत के किशन कुमार बिस्सा, अमर सिंह राठौड़ रम्मत के डॉ. मेघराज आचार्य, नौटंकी शहजादी बारह गुवाड़ के भंवरलाल जोशी, अमर सिंह राठौड़ मशालची नाई के दया राम, स्वांग मेहरी बारह गुवाड़ के विजय कुमार ओझा, फक्कड़ दाता नत्थूसर गेट के पंडित जुगल किशोर ओझा ‘पुजारी बाबा’, स्वांग मेहरी भट्टडो का चौक के नवल आचार्य, स्वांग मेहरी कीकाणी व्यासों के चौक के एड. मदन गोपाल व्यास, हेडाऊ मेहरी मरुनायक चौक के अजय कुमार देराश्री, ब्राह्मण स्वर्णकार सुनारों की गुवाड़ के लक्ष्मी नारायण सोनी, कन्नू रँगा, मदन जैरी और कैलाश पुरोहित का अभिनन्दन किया गया।

रविवार को होगा चार रम्मतों का मंचन
आयोजन से जुड़े गोपाल बिस्सा ने बताया कि रम्मत समारोह के अंतिम दिन रविवार को मरुनायक चौक और बारह गुवाड़ की हेडाऊ मेहरी तथा ब्राह्मण स्वर्णकार और भट्टडों के चौक की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन होगा।

अखिल भारतीय पुष्करणा युवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीदिनेश कुमार आचार्य ने बताया कि सरकार द्वारा किए गए लोक संस्कृति कार्यकर्म को बढावा देना अच्छा कदम है।


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