Thar पोस्ट न्यूज। बीकानेर स्थानीय नत्थूसर गेट क़े बाहर गोकुल सर्कल पर मुनीम जी सत्संग भवन में शारदीय नवरात्रा क़े 80 वे वर्ष भी अखंड हरि कीर्तन अनवरत जारी हैँ । अखंड हरि कीर्तन समिति क़े अध्यक्ष पूनमचंद व्यास ने बताया कि यह कीर्तन 80 वर्ष पूर्व सत्यनारायण जी व्यास उर्फ़ मुनीम जी ने यहां प्रारम्भ किया जो शारदीय नवरात्रा क़े 80 वे वर्ष अनवरत जारी हैँ । प्रवक्ता राजकुमार व्यास ने बताया शारदीय नवरात्रा क़े एकम से शुरु हुआ यह कीर्तन नवमी तक अनवरत दिन रात जारी रहता हैँ । समिति क़े खुशाल व्यास ने बताया इस कीर्तन में दो दो घंटे क़े लिये अलग अलग ग्रूप हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे -हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण का जाप करते हुए अलग राग में कीर्तन करते हैँ कीर्तन में बुजर्ग, महिलाये, पुरुष, युवा, बच्चे सभी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैँ ।
नवरात्रि का पावन पर्व पूरा देश बड़े ही उल्लास के साथ भक्ति भाव के साथ मना रहा है। मां दुर्गा के बड़े-बड़े पंडाल विशेष तौर से पश्चिम बंगाल में बहुत ज्यादा संख्या में सज रहे हैं पश्चिम बंगाल का मुख्य त्योहार दुर्गा पूजा का स्वरूप बीकानेर के औद्योगिक क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है।
यहां रहने वाले बंगाली श्रमिक अपने-अपने क्षेत्र में बड़े-बड़े पंडाल लगाकर दुर्गा अष्टमी का त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। पश्चिम बंगाल से पिछले 32 साल से लगातार बीकानेर आ रहे मूर्तिकार बबलू मालाकार ने बताया कि इस बार बीकानेर के बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र करणी औद्योगिक क्षेत्र खारा औद्योगिक क्षेत्र मुरलीधर व्यास कॉलोनी सहित आठ जगहों पर उनकी बनाई मूर्तियां मां दुर्गा की बड़ी मूर्ति सहित गणेश, लक्ष्मी, शिवजी, कार्तिकेय, सरस्वती माता की छोटी मूर्तियां का एक बड़ा पंडाल सजाया जाएगा। मालाकार ने बताया कि रक्षाबंधन के बाद से ही गणेश चतुर्थी के लिए गणेश प्रतिमा विश्वकर्मा प्रतिमा जन्माष्टमी में कृष्ण जी की मूर्ति अब दुर्गा अष्टमी पर दुर्गा प्रतिमा और दीपावली पर काली माता की प्रतिमा भी बनाएंगे । बबलू मालाकार ने बताया कि एक पंडाल में सजने वाला दुर्गा माता की प्रतिमाओं का सेट लगभग 35000 से लेकर 50000 मूल्य तक साइज के हिसाब से बिक्री किया जाता है। बबलू मालाकार का पूरा सहयोग उनके सहयोगी कलाकार देते हैं यह मूर्तियां नदियों की मिट्टी से लकड़ी घास से बनाई जाती है नवमी में विशेष पूजा के बाद दशहरा के दिन इनका विसर्जन कर दिया जाता है।