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Thar पोस्ट। विश्व में पर्यटन कारोबार अब खोखला हो चुका है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कारण इससे जुड़े लोगों की हालत पस्त हो गई है। बड़ी संख्या में लोग या तो बेरोजगार हो गए है या फिर अन्य धंधे अपनाने के लिए मजबूर है। होटल, ट्रेवल एजेंट्स, गाइड और पर्यटन कंपनियां अब बर्बादी के कगार पर है। कोरोना के दूसरी लहर अब और मारक साबित हो रही है। फिर से पर्यटन कारोबार में खलबली मची है। संक्रमण के कारण ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी समेत देशभर के केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को 15 मई तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। ताजमहल के दरवाजे 207 दिन तक खुलने के बाद फिर बंद हो गए हैं। बीते साल 188 दिनों तक ताजमहल सैलानियों के लिए बंद किया गया था। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में फिलहाल एक महीने तक ताजमहल बंद रखने के आदेश हैं। इस पर आगरा के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने सवाल उठाए हैं।
ताजमहल को लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का ट्वीट आते ही पर्यटन क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पर्यटन उद्यमी ट्वीट की सत्यता को प्रमाणित करने में जुट गए। जब एएसआई के निदेशक स्मारक एनके पाठक ने 15 मई तक स्मारकों को बंद करने का आदेश जारी किया, तब कयास बंद हुए। आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सभी स्मारक बंद रहेंगे। फिलहाल एक माह की बंदी का आदेश है। मंत्रालय के आदेश आने के बाद ही अब स्मारक खोले जा सकेंगे। पर्यटन के लिहाज से समृद्ध राजस्थान के अनेक जिलों में भी हालात खराब है। जयपुर, पुष्कर, जैसलमेर, उदयपुर , जोधपुर, मंडावा, बीकानेर, सवाईमाधोपुर सहित अन्य जिलों में पर्यटन की कमर टूट चुकी है। पर्यटन से जुड़े जो लोग इस पर पूर्णतः निर्भर थे अब वे नए सिरे से विचार करने लगे हैं।
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