जिला कलक्टर पहुंचे बज्जू, किया थाने और एसडीएम कार्यालय का निरीक्षण
Tp न्यूज़, बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि बज्जू क्षेत्र, पेयजल के लिए नहर पर निर्भर करता है। प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान क्षेत्र के निवासियों को पानी की कमी नहीं हो इसके लिए नहरबंदी से पूर्व क्षेत्र की सभी पेयजल डिग्गियों को पानी से भर लें।
मेहता ने बुधवार को बज्जू उपखंड मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईजीएनपी और पीएचईडी अतिरिक्त समन्वय करते हुए आगामी नहरबंदी से पूर्व माइक्रो प्लान तैयार करें इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए रणनीति पर काम करें जिससे पेयजल किल्लत की स्थिति ना बनें। जिला कलक्टर ने नहरबंदी से पूर्व सभी ट्यूबवैल का सर्वे करवाते हुए खराब ट््यूबवैल, हैंडपंप को ठीक करवाने के भी निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि नहर के पानी की चोरी ना हो इसके लिए आईजीएनपी नियमित रूप से पेट्रोलिंग करें। यदि पानी चोरी के प्रकरण सामने आते हैं तो पुलिस शिकायत मिलने पर तुरंत प्रभाव से सम्बंधित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करें। कई स्थानों पर मोगे बड़े कर या साइफन आदि से भी चोरी की शिकायतें आती है ऐसे सभी स्थानों पर विशेष नजर बना कर रखें। जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों से समझाइश करें कि पेयजल के लिए दिए जा रहे पानी का प्रयोग सिंचाई के लिए ना किया जाए।
अप्रैल के पहले सप्ताह तक प्रारम्भ हो जाए सांखला फांटा सड़क निर्माण कार्य
जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि सांखला फांटा सड़क के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के लोगों केा बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर पीडब्ल्यूडी इस कार्य के टेंडर जारी कर चुकी है। कार्यादेश शीघ्र जारी कर अप्रैल के पहले सप्ताह तक काम शुरू किया जाए।
जिला कलक्टर ने रसद विभग के अधिकारी से राशन कार्ड की जानकारी ली तथा कहा कि जिन लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उनके आधार कार्ड बनवाते हुए सीडिंग कार्य करवाएं। जिससे लोगों को समय पर राशन मिल सके। उन्होंने सीडीपीओ से आंगनबाड़ी कन्द्रों पर खाद्यान्न समय पर पहुंचाने की बात कही।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन के सम्बध में जानकारी देते हुए कहा जिला कलक्टर ने कहा कि 60 से उपर के सभी बुजुर्गो को टीका लगवाने के लिए समझाइश करें। मास्क पहने, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें। गौडू, बीकमपुर व बज्जू अस्पताल में वैक्सीनेशन हो रहा है। जिला कलक्टर ने बज्जू में खराब के स्थान पर बीएडीपी के तहत नई एम्बुलेंस का प्रस्ताव बनवा कर भिजवाने के निर्देश दिए।
जनसुनवाई कर सुने अभाव अभियोग
जिला कलक्टर मेहता ने बज्जू मुख्यालय पंचायत समिति कार्यालय परिसर में जनसुनवाई कर आमजन के अभाव अभियोग सुने और निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। ढीले तार कसवाने से जुड़ी बिजली विभाग की समस्याओं के निराकरण के संबंध में प्रधान पप्पुदेवी तेतरवाल ने जिला कलक्टर को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पंचायत समिति बज्जू-खालसा के अधीनस्थ सभी ग्राम पंचायतों में उपभोक्ता को समय पर बिजली बिल प्राप्त नहीं होता है। बिजली के ढीले तारों को सुव्यवस्थित करने तथा चारणवाला में चक 15 सीडबल्यूबी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के उपर से निकल रही हाईटेंशन लाईन हटवाने की मांग की। जनसुनवाई में बज्जू से 910 पंवार वाला रोड बनवाने, मिठडिया से ग्रान्धी रोड़, मिठडिया से ग्रान्धी रोड, कोलासर से पाबुसर रोड, नगरासर से चारणों की ढाणी से कानसिंह सिद्ध तक, सेवडा से दादूका गांव होते हुए नोख तक सडक निर्माण कार्य करवाने की मांग की गई।
बज्जू उपखंड मुख्यालय पर दमकल वाहन उपलबध करवाने, ग्राम पंचायत बज्जू खालसा के चक 8-9 बीजेएम में स्थित कृषि भूमि के अनियमित आवंटन को रद्द करने व पंचायत समिति भवन के लिए भूमि आवंटन करने की मांग की गई। चारणवाला ब्रांच में पानी नहीं होने के कारण फसलें खराबे की मांग पर जिला कलक्टर ने सर्वे करवाने की बात कही। खुलासर छोटा में ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत रोजगार दिलवाने की मांग पर जिला कलक्टर ने मनरेगा अधिशाषी अभियंता मनीष पूनिया को मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृत करवाते हुए रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मेहता ने बज्जू में गोशाला की मांग पर भूमि चिन्हीकरण के प्रस्ताव भेजने को कहा।
किया एसडीएम कार्यालय का निरीक्षण
इससे पूर्व मेहता ने बज्जू एसडीएम कार्यालय, पंचायत समिति और तहसीलदार कार्यालय का प्रशासनिक निरीक्षण किया। इस दौराना उन्हांेने कहा कि एसडीएम अधिकारी जनसमस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता से लें और अन्य विभागों के साथ समन्वय करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करवाएं। जिला कलक्टर ने बज्जू थाने का भी निरीक्षण किया।
जिला कलक्टर ने ग्राम पंचायत माणकासर, ग्राम पंचायत आरडी 860 तथा ग्राम पंचायत आरडी 820 में भी ग्रामीणों से मिलकर जनसुनवाई की और उनके अभाव अभियोग सुने। इस दौरान उपस्थित लोगों ने पानी बिजली तथा नहर में पानी की उपलब्धता तथा नए हेंड पंप लगाने आदि की मांग की जिस पर जिला कलक्टर ने आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए।इस दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद ओम प्रकाश, एस डी एम बज्जू जयपाल सिंह राठौड, उप निदेशक समाजिक न्याय एवं अधिकारिता एल डी पंवार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ सुकुमार कश्यप, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राज कुमार शर्मा,अधिशाषी अभियंता जलदाय विजय वर्मा, ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अनिल वर्मा, संयुक्त निदेशक पशुपालन ओ पी किलानिया, अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग डी पी सोनी, डी. एस. ओ. भागूराम महला सहित बिजली आदि विभाग के अधिकारी साथ रहे।
बीकानेर, 3 मार्च। वर्तमान समय की भाग-दौड भरी दिनचर्या में आयुर्विज्ञान की स्नातक तथा स्नातकोत्तर के कठिन परिश्रम से ओतप्रोत पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के भीतर तनाव और अवसाद की स्थिति पैदा हो रही हैं। चिकित्सा विज्ञान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के मध्य तनाव व अवसाद की स्थिति न बने तथा इनसे भली प्रकार से निपटने, अवसाद का सामना करने तथा नकारात्मक विचारों से बचने हेतु सभी यू जी और पी जी विद्यार्थियों हेतु संवेदीकरण सेमीनार का आयोजन बुधवार को एस.पी. मेडिकल काॅलेज में किया गया।
सेमीनार के मुख्य वक्ता प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डाॅ. शैतान सिंह राठौड ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन विभिन्न प्रकार की सामाजिक, मानसिक और शारीरिक कठिनाईयों से भरा हैं, प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर द्वारा बौद्धिक शक्ति प्रदान की गई है, जिसके अनुसार मनुष्य अपनी कठिनाईयों से विवेक का अधिकतम प्रयोग करते हुए धैर्य से उनका समाधान करें। उन्होंने बताया कि अवसाद अथवा तनाव की स्थिति से बचने के लिए पौराणिक समय से चले आ रहे योग व प्राणायाम का अभ्यास करने से इस स्थिति से बचा जा सकता हैं। डाॅ राठौड ने कहा कि किसी भी स्थिति में तनाव को अपने पर हावी नहीं होने देना चाहिए और न ही तनाव या अवसाद के कारण किसी भी अनैतिक कार्य जैसे आत्महत्या या स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाले नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए।
इस अवसर पर मनो रोग विभाग के डाॅ. हरफूल बिश्नोई और डाॅ. श्रीगोपाल ने विद्यार्थियों को अवसाद या तनाव से बचने के प्रमाणित उपचार के बारे में बताया।प्राचार्य डाॅ. राठौड ने कहा कि मेडिकल काॅलेज में पढने वाले वि़द्यार्थियों के लिए इस तरह के सेमीनार के सत्रों का आयोजन किया जाता रहेगा, जिससे बच्चे तनाव रहित होकर चिकित्सा विज्ञान की पढाई करें और मानव सेवा में पूर्ण उत्साह से कार्य कर सकें।