Thar पोस्ट। यूक्रेन और रूस में तनाव चरम पर है। तनातनी इतनी बढ़ गई है कि रूस द्वारा हमला करने के आसार बन रहे हैं। यूक्रेन के पास रूस द्वारा सैन्य जमावड़ा बढ़ाने से मॉस्को ने अपने पूर्व-सोवियत पड़ोसी पर आक्रमण करने की योजना का संकेत दिया है। इस बीच रूस ने कहा कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है और उसने यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थक देशों पर अपने कथित आक्रामक मंसूबे को छिपाते हुए बेबुनियाद दावा करने का आरोप लगाया है। रूसी सेना के जमावड़े से हमले की शुरुआत होगी या नहीं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में NATO (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के विस्तार को रोकने के लिए पश्चिमी देशों द्वारा गारंटी दिए जाने पर भी जोर दिया है। यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति ने जन विरोधों को नजरअंदाज किया जिसके बाद रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर चढ़ाई कर दी थी। यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने रूस पर विद्रोहियों को समर्थन देने के लिए अपने सैनिक और हथियार भेजने का आरोप लगाया। मॉस्को ने इससे इनकार किया और आरोप लगाया कि अलगाववादियों से जुड़ने वाले रूसी कार्यकर्ता थे। यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र डोनबासी को तबाह करने वाली लड़ाई में 14,000 से अधिक लोग मारे गए। फ्रांस और जर्मनी की मध्यस्थता से 2015 के शांति समझौते ने बड़े पैमाने पर लड़ाई को समाप्त करने में मदद की लेकिन एक राजनीतिक समझौते तक पहुंचने का प्रयास विफल रहा और छिटपुट झड़पें लगातार होती रही हैं। इस साल की शुरुआत में, पूर्व में संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन में वृद्धि और यूक्रेन के पास रूसी सेना के जमावड़े ने युद्ध की आशंकाओं को हवा दी, लेकिन अप्रैल में युद्धाभ्यास के बाद मॉस्को द्वारा अपने बल के बड़े हिस्से को वापस बुला लेने पर तनाव कम हो गया।अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि रूस अनुमानित रूप से 1,75,000 सैनिकों को तैनात करने की योजना बना रहा है और उनमें से लगभग आधे पहले से ही संभावित आक्रमण की तैयारी के लिए यूक्रेन की सीमा के पास विभिन्न जगहों पर तैनात हैं। आशंका जताई गई कि 2022 की शुरुआत में जंग शुरू हो सकती है। यूक्रेन का यह भी कहना है कि पश्चिमी देशों की चेतावनी के बाद रूस ने 90,000 से अधिक सैनिकों को दोनों देशों की सीमा से कुछ ही दूरी पर जमावड़ा कर रखा है।