


Thar पोस्ट न्यूज। एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तेज़ी से फैल रहे वायरस को लेकर चिंता जाहिर की है। यूरोप में एक नई बीमारी के वायरस का आतंक मचने के बाद कई देशों ने अपनी सीमाएं सील करर दी हैं।



महामारी को लेकर देशों ने इसे बायोलॉजिकल अटैक का शक भी जताया है। यूरोप के तीन देशों हंगरी, ऑस्ट्रिया और स्लोवाकिया में फुट-एंड-माउथ डिजीज ने हड़कंप मचा दिया है। हालात इतने बिगड़ गए कि इन देशों ने अपनी सीमाएं तुरंत सील कर दीं।
हंगरी में करीब 50 साल बाद इस बीमारी का इतना भीषण कहर देखा गया है। हजारों पशुओं को मारने के बावजूद संक्रमण फैलने का खतरा टला नहीं है। यूरोप में फैली फुट-एंड-माउथ डिजीज ने हालात को बेहद नाजुक बना दिया है। बीमारी रोकने के लिए तगड़े कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन बायोलॉजिकल अटैक के शक ने चिंता और बढ़ा दी है। सबकी नजरें अब जांच रिपोर्ट और आने वाले फैसलों पर टिकी हैं।
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की सरकार को शक है कि यह महज प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि साजिश का नतीजा हो सकती है। इस वायरस को बायोलॉजिकल अटैक के तौर पर भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ गर्गेली गुल्यास ने कहा, “यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि वायरस प्राकृतिक है। संभव है कि हम एक कृत्रिम वायरस का सामना कर रहे हों।” उन्होंने बताया कि यह शक एक विदेशी लैब से मिली जानकारी पर आधारित है, हालांकि इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बीमारी का पहला मामला मार्च में हंगरी की उत्तर-पश्चिमी सीमा के पास एक फार्म में मिला था। अब तक 1,000 से ज्यादा फार्मों की जांच हो चुकी है, जिनमें से चार में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इंसानों के लिए नहीं है खतरा
फुट-एंड-माउथ डिजीज इंसानों के लिए घातक नहीं मानी जाती, लेकिन गायों, भेड़ों और बकरियों में यह बेहद तेजी से फैलती है। इससे जानवरों को तेज़ बुखार और मुंह में घाव हो जाते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है। हंगरी के किसान पॉल मिक्सनर के मुताबिक, उनके 3,000 मवेशी मारे गए। दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा, “हर कोई रो रहा था, जैसे कोई बुरा सपना सच हो गया हो।” अब वे पुनर्निर्माण में जुट गए हैं और दो हफ्तों के भीतर चारे का भंडार** तैयार करने की योजना बना रहे हैं।




