Thar पोस्ट न्यूज (जितेंद्र व्यास)। बीकानेर के कोटगेट व सांखला फाटक पर यातायात व्यवस्था फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आई है। इसका खामियाजा दिनभर जाम के रूप में लोग भुगत रहे हैं। हालात यह है कि आमजन को राहत देने के लिए एक तरफा यातायात सिस्टम किया गया था जो फेल हो चुका है। कोटगेट व सांखला फाटक रेलवे क्रासिंग पर आमने-सामने से आवाजाही शुरू होने से जाम लग रहे है। कई बार तो स्थितियां बद से बदतर हो जाती है। बीकानेर में पूर्व संभागीय आयुक्त नीरज के पवन के निर्देश पर बीकानेर में यातायात सिस्टम तय किया गया था। जिससे आमजन को अत्यधिक राहत मिली थी। इससे रेलवे क्रासिंग पर जाम लगने की समस्या हट गई थी।
बीकानेर की सबसे बड़ी समस्या: आजादी के बाद से सरकारें बदलती रही है लेकिन बीकानेर की इस प्रमुख समस्या के निदान में कोई सरकार सफल नहीं हो पाई है। हालांकि आरयूबी के लिए बना प्रोजेक्ट फाइलों में तैयार पड़ा है। देश विदेश से आने वाले पर्यटक इस क्रासिंग का फोटो वीडियो लेते हैं और अपने देश लौटकर बताते है कि किस तरह बीच बाज़ार से रेल निकलती है। दिवंगत लेखक व महाराजा के एडीसी रहे चंद्र सिंह भाटी लवेरा ने एक बार चर्चा करते हुए बताया था कि 1943 में महाराजा सादुल सिंह का लवाजमा इस क्रासिंग की वजह में अटक गया था। ब्रिटिश शासन था विदेशी मेहमान भी साथ थे। तब महाराजा ने वापस लौट कर इस क्रासिंग को हटाने की योजना बनाई थी अंग्रेज अधिकारियों की मीटिंग भी की, लेकिन देश मे आजादी के बाद अंग्रेज अफसर भी अपने वतन लौट गए व इस पर काम फाईलों में अटक गया। इतिहास की बात छोड़ भी दें तो इसके बाद भी इसके किये अनेक प्रोजेक्ट्स बने, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात सुधरने के बजाय बिगड़ रहे हैं।
अधिक भीड़ के ये कारण: दरअसल कोटगेट व सांखला फाटक के पास अधिक भीड़ होने के भी कई कारण है। यह पूरा बेल्ट अनेक प्रमुख बाजारों से जुड़ा है। इनमें कोटगेट सट्टा बाजार, तोलियासर भैरूंजी की गली, लाभुजी का कटला, जोशीवाडा मार्केट, सब्जीमंडी, केईएम रोड व फड़बाज़ार आदि बाजारों से ये रेलवे क्रासिंग जुड़ी है। इन बाजारों में दिनभर अधिक भीड़ रहती है। बार बार फाटक बंद होने से राहगीर इसमें फंस जाते है। दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। रेल फाटकों की समस्या का निदान तो भविष्य के गर्त में है लेकिन एक तरफा यातायात का सख्ती से पालन होने से जाम से छुटकारा मिल सकता है। फाटकों की समस्या का निदान जब तक नहीं होता तब तक वैकल्पिक व्यवस्था हो सकती है। हालांकि बीकानेर में अंबेडकर सर्किल पर आरयूबी से आमजन ने राहत महसूस की, लेकिन वह भी विकास कार्य व नाले की समस्या के चलते बंद है। :- जितेंद्र व्यास