ताजा खबरे
IMG 20241023 101608 26 कुसुम देवी डागा स्मृति 17वां घुटना दर्द निवारण शिविर आयोजित***पोस्टर लोकार्पण Bikaner Local News Portal धर्म
Share This News

img 20250304 wa00296876004659153994224 कुसुम देवी डागा स्मृति 17वां घुटना दर्द निवारण शिविर आयोजित***पोस्टर लोकार्पण Bikaner Local News Portal धर्म
img 20250304 wa0028368165902027906283 कुसुम देवी डागा स्मृति 17वां घुटना दर्द निवारण शिविर आयोजित***पोस्टर लोकार्पण Bikaner Local News Portal धर्म

पीड़ित व्यक्ति की सेवा हमारे शहर की परंपरा: पचीसिया
भामाशाहों की धरती है बीकानेर, सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते है लोग: श्री रामेश्वरानंद

Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। मुक्ति संस्था द्वारा कुसुम देवी डागा स्मृति 17वां घुटना दर्द निवारण शिविर मंगलवार को ब्रह्म बगीचा में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम के अधिष्ठाता दाता श्री रामेश्वरानंद थे। उन्होंने कहा कि परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं है। दुःखी और पीड़ित व्यक्ति की सेवा करना हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। आज के दौर में यह बेहद प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि घुटना रोग से पीड़ित व्यक्ति को निशुल्क परामर्श और चिकित्सा देना कुसुम देवी डागा को सच्ची श्रद्धांजलि है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री द्वारका प्रसाद पचीसिया ने की। उन्होंने कहा कि बीकानेर भामाशाहों और दानदाताओं की धरती है।

यहां के लोग सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। डागा परिवार, बीकानेर कि इस विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने मुक्ति संस्थान द्वारा सामाजिक सरोकार की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक हरिशंकर आचार्य, रोटरी क्लब के गवर्नर राजेश चूरा, बिक्री कर विभाग के एसीटीओ रामलाल परिहार और सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा ने भी विचार रखे।
मुक्ति संस्था के अध्यक्ष हीरालाल हर्ष ने स्वागत उद्बोधन दिया।

उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा लगातार 17वीं बार यह शिविर आयोजित किया गया है। संस्था द्वारा अब तक 7 हजार से अधिक लोगों को निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा चुकी है वहीं मंगलवार के शिविर में 437 लोगों को निशुल्क नीकैप उपलब्ध करवाए गए।
इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर शिविर की शुरुआत की।

मुक्ति के सचिव राजेन्द्र जोशी ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि शिविर में डॉ. हेमंत व्यास, डॉ सुभाष भास्कर, डॉ. भारती पुरोहित एवं डाॅ. आस्था अग्रवाल ने सेवाएं दी। उन्होंने कुसुम देवी डागा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम संयोजक एडवोकेट महेन्द्र जैन, राजाराम स्वर्णकार, ओमप्रकाश सारस्वत, डाॅ.अजय जोशी, पूर्ण चंद राखेचा, डाॅ.फारुख चौहान, विष्णु शर्मा, शिवशंकर शर्मा , अब्दुल शकूर सिसोदिया इस दौरान मौजूद रहे। संस्था के समन्वयक तोलाराम पेड़ीवाल ने आभार जताया।
इस दौरान कोलकता के बल्लभ डागा और रंगनेत्री आरती डागा का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

लक्ष्मीनारायण रंगा अपनी शब्द साधना से जीवन भर मानवीय चेतना का संदेश देते रहे-स्वामी विमर्शानन्दगिरि

बीकानेर।देश के ख्यातनाम साहित्यकार, चिंतक एवं शिक्षाविद् लक्ष्मीनारायण रंगा की दूसरी पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले चार दिवसीय समारोह ‘सृजन सौरम-हमारे बाऊजी’ के पोस्टर  लोकार्पण श्रीलालेश्वर महादेव मन्दिर शिवमठ के महंत स्वामी विमर्शानन्दगिरि द्वारा शिवबाड़ी मठ में किया गया।

उन्होने अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि अत्यंत हर्ष एवं गौरव का विषय है कि कीर्तिशेष रंगा ने अपने हर शब्द से उन भावों को व्यक्त किया जिन भावों को जानने के लिए कण-कण में वो अनहद के रूप में गूंज रहा है, उस अनहद की नाद को, दिव्य साहित्यकार लक्ष्मीनाराण रंगा ने अपनी कलम, भाव एवं शब्दों के माध्यम से, अपने चरित्र के माध्यम के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से अपनी सारी शब्द-साधना से जीवन भर मानवीय चेतना का संदेश देने का सार्थक उपक्रम किया। देश की ऐसी प्रतिभा की स्मृति में आयोजित होने वाला महत्वपूर्ण चार दिवसीय समारोह सर्वथा सार्थक रहेगा।

पोस्टर लोकार्पण के अवसर पर आयोजन की महत्ता बताते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि चार दिवसीय समारोह के प्रथम दिन लक्ष्मीनारायण रंगा की छः पुस्तकों का बालकों द्वारा लोकार्पण होगा, जो पुस्तक संस्कृति को समर्पित है।

दूसरे दिन कीर्तिशेष रंगा को श्रृद्धासुमन एवं भावांजलि, तीसरे दिन रक्तदान शिविर एवं अन्तिम दिन रंगकर्म, शिक्षा-शोध एवं साहित्य के क्षेत्र की तीन प्रतिभाआंे को द्वितीय राज्य स्तरीय लक्ष्मीनारायण रंगा प्रज्ञा सम्मान अर्पित किया जाएगा।

पेास्टर लोकार्पण अवसर के वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा, साहित्यकार हरीशचन्द्र, संस्कृतिकर्मी घनश्याम साध एवं हरिनारायण आचार्य, भवानी सिंह, आशीष रंगा, अशोक शर्मा, नवनीत व्यास के अलावा कई भक्तगण साक्षी रहे।


Share This News