यूरोपीय देशों में यदि जर्मनी के पर्यटन स्थलों का जिक्र न हो तो बात अधूरी लगती है। जर्मनी के दिलकश नज़ारे सैलानियों का मन मोह लेते हैं।
ब्रांडेनबुर्ग गेट : यह डेस्टिनेशन सैलानियों को खूब रास आता है। जर्मनी में पर्यटक सबसे ज्यादा बर्लिन की सैर करते हैं। बर्लिन ने 2018 में एक रात में करीब 3 करोड़ पर्यटकों के ठहरने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। ब्रांडनबुर्ग गेट एक राष्ट्रीय लैंडमार्क है। कभी विभाजित रहे पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के मिलकर एक होने का प्रतीक होने की वजह से भी पर्यटकों के बीच यह खासा लोकप्रिय रहता है।
बवेरिया के राजा लुडविष द्वितीय ने सार्वजनिक जीवन से दूर फ्यूसन नामकी जगह के पास एक परी महल बनाया। सन 1886 में उनकी मृत्यु के कुछ हफ्ते बाद ही इसे जनता के लिए खोल दिया गया। यूरोप में इस महल को देखने सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं।
कैथीड्रल को जर्मन भाषा में ‘डोम‘ कहा जाता है। कोलोन का कैथीड्रल गॉथिक वास्तुकला का शानदार नमूना है। इसका निर्माण सैकड़ों साल तक चलने के बाद 1880 में पूरा हुआ। 157 मीटर की ऊंचाई वाला यह कैथीड्रल जर्मनी का दूसरा सबसे ऊंचा चर्च है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुई बमबारी में भी कोलोन कैथीड्रल ऐसे ही खड़ा रहा जैसा आज है।
बर्लिन म्यूजियम आईलैंड
आखन चर्च : आखन के चर्च की कोर बिल्डिंग को कैरोलिंजियन काल की सर्वश्रेष्ठ संरक्षित वास्तुकला संरचनाओं में से एक माना जाता है। 1978 में इसे जर्मनी की पहली यूनेस्को हेरिटेज साइट का दर्जा दिया गया। 1531 तक लगभग सभी जर्मन राजाओं को यहां के चैपल में ताज पहनाया गया था।
वार्टबुर्ग कासल : वार्टबुर्ग कासल थुरिंजिया राज्य में स्थित आइजेनाक शहर की सबसे ऊंची जगह पर स्थित है. 16वीं सदी में यहीं पर मार्टिन लूथर ने न्यू टेस्टामेंट का अनुवाद किया था
पोर्टा निग्रा: जर्मनी के ट्रियर शहर में स्थित “ब्लैक गेट” दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संरक्षित फाटकों में से एक है. 1802 में नेपोलियन से इसका पुनरुद्धार करवाया था. इसके पहले लगभग एक हजार साल तक इस पूर्व रोमन शहर के गेट को चर्च के रूप में इस्तेमाल किया गया था।