Thar post, बीकानेर। ऊर्जा तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शनिवार को गुसाईसर बड़ा में स्वर्गीय प्रभा ओझा मेमोरियल हॉस्पिटल का भूमि पूजन तथा शिलान्यास किया।
इस अवसर पर डॉ कल्ला ने कहा कि स्वर्गीय प्रभा ओझा ने अपना समूचा जीवन दीन दुखियों और गरीबों की सेवा को समर्पित कर दिया। वह एक कुशल संगठक और परोपकारी महिला थी। उनके पुत्र द्वारा उनकी स्मृति में अस्पताल का निर्माण करवाना बेहद अनुकरणीय है तथा मातृ ऋण उतारने का एक प्रयास है। डॉ. कल्ला ने कहा कि कोविड संक्रमण के दौर में मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री द्वारा किया गया प्रबंधन पूरी दुनिया में मिसाल बना। उत्तर प्रदेश, बिहार गुजरात और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के मरीजों ने राजस्थान में आकर इलाज करवाया और यहां से ठीक हो कर गए। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां निजी चिकित्सालय में मरीजों को लाखों रुपए खर्च करने पड़े वहीं सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज हुआ।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ कल्ला ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ के लिए 708 करोड रुपए की वृहद पेयजल योजना बनाई गई है, जिससे 108 गांवों को लाभ होगा। इसमें गुसाईसर बड़ा को भी शामिल किया गया है। इन सभी गांवों को हिमालय का मीठा पानी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि गुसाईसर में पानी की टंकी अगले 10 महीनों में बना दी जाएगी। जीएसएस के प्रस्तावों को भी प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करने की बात कही।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि स्व. प्रभा ओझा ने एक छोटे से गांव में जन्म लेकर बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने परिवार का पालन पोषण किया। समाज सेवा में उनकी गहरी रुचि रहती थी। उनके पुत्र द्वारा किया गया उनकी याद में अस्पताल बनाने का जो बीड़ा उठाया गया है, उसे सदैव याद रखा जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ शर्मा ने कहा कि चिकित्सकीय क्षेत्र में आधारभूत ढांचा विकास मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जहां सबसे पहले निशुल्क दवा तथा निशुल्क जांच योजना प्रारंभ हुई। अब प्रत्येक परिवार को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के तहत पांच लाख रुपये तक का निशुल्क पारिवारिक बीमा का लाभ मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक मई से इस योजना की शुरुआत की गई तथा अब तक लाखों परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के साथ ही राजस्थान में चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार प्रारम्भ कर दिया गया और लगभग डेढ़ साल में इसमें आमूलचूल बदलाव हुआ है। राजस्थान के कोरोना प्रबन्धन की प्रधानमंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सराहना की। यहां का भीलवाड़ा तथा रामगंज मॉडल पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना रिकवरी रेट सबसे अच्छी वहीं मृत्यु दर कम रही।
चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा ने कहा कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टिकोण से बड़ा राज्य है, जहां चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवाना तथा वर्तमान परिस्थितियों में सभी को वेक्सीनेट करना बड़ी चुनौती था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में यह काम भी बेहतर तरीके से किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना का खतरा कम हुआ है, लेकिन यह अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके मद्देनजर प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगाएं, समय-समय पर हाथ धोएं तथा भीड़ से दूर रहें। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक रही। इस दौरान भी राज्य सरकार द्वारा सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई। वहीं तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए राजस्थान में प्रभावी प्रबन्धन किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ऑक्सीजन के लगभग 400 नए प्लांट बन रहे हैं। नए पीकू और नीकू बेड स्थापित किए जा रहे हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बजट में श्रीडूंगरगढ़ के लिए ट्रॉमा सेंटर स्वीकृत किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों की मांग पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनाने की है। इसके मद्देनजर स्थानीय जिला प्रशासन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन और ट्रोमा सेंटर के लिए एक ही स्थान पर जमीन आवंटित करने के लिए कहा जाएगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि स्व. प्रभा ओझा की स्मृति में अस्पताल भवन बनने के साथ ही यहां चिकित्सकों की नियुक्ति सहित सभी व्यवस्थाएं कर दी जाएंगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा ने श्रीडूंगरगढ़ में पानी की नई टंकी, ट्यूबवेल और जीएलआर बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचले क्षेत्र में बना हुआ है। बरसात के दौरान यहां बड़ी मात्रा में पानी एकत्रित हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने ट्रामा सेंटर के आसपास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए जमीन आवंटित करने की मांग रखी तथा कहा कि इसके लिए भवन बनाने का सम्पूर्ण व्यय भामाशाहों द्वारा वहन किया जाएगा।
श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया ने कहा कि अस्पताल बनवाना मानव जाति को बचाने वाला नेक कार्य है। इससे बड़ा धर्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऐसे कार्यों की उपयोगिता और बढ़ी है।
स्व. प्रभा ओझा के पुत्र रामकिशन ओझा ने बताया कि अस्पताल का निर्माण एनएचएम नॉर्म्स के अनुरूप 47 हजार स्क्वेयर फ़ीट क्षेत्र में किया जाएगा। जिसमें लगभग 15 हजार फीट निर्माण क्षेत्र होगा। बीस बेड वाले अस्पताल में दवा काउंटर सहित सभी सुविधाएं आगामी 50 वर्ष की आवश्यकताओं के अनुसार की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल का निर्माण 1 वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने स्व. प्रभा ओझा के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में बताया तथा स्वागत उद्बोधन भी दिया।
इस अवसर पर विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष सुशील ओझा और एडवोकेट हस्तीमल सारस्वत ने भी विचार रखे।
इससे पहले डॉ. कल्ला और डॉ. शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अस्पताल का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर जुगल तावणिया, केसराराम गोदारा, सरपंच सत्यनारायण सारस्वत, पवन पारीक आदि मौजूद रहे।