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IMG 20250320 WA0019 पत्तियो में विखण्डन और जड़ में होता है एकाग्रता का भावः आचार्य मनोज दीक्षित Bikaner Local News Portal साहित्य
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Thar पोस्ट न्यूज। भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ और राजुवास के संयुक्त तत्वावधान् में एकदिवसी सेमिनार आयोजित
‘आजीवन अधिगम और एक स्वास्थ्य’ विषय पर देशभर के शिक्षाविदों ने किया मंथन

बीकानेर। भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ तथा राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान् में ‘आजीवन अधिगम-एक स्वास्थ्य’ विषयक एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार गुरुवार को विश्वविद्यालय के फैकल्टी हाउस सभागार में आयोजित हुआ।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित थे। उन्होंने कहा कि पत्तियों में विखण्डन और जड़ में एकाग्रता का भाव पाया जाता है। इसे ध्यान रखते हुए हमें मूल स्वरूप में देखना चाहिए। उन्होने कहा कि सेमिनार के लिए चयनित विषय अगले कई दशकों तक महत्वपूर्ण रहेगा।

भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. एल. राजा ने सेमिनार का विषय प्रवर्तन किया और कहा कि हमारा देश ‘वसुधैव कुटुम्बकुम’ को मानने वाला है। यहां का सामाजिक ताना-बाना हमें एक-दूसरे से जोड़े रखता है। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार ऐसे विषयों को और अधिक मजबूत करेगा।

संघ के महासचिव तथा लोकतंत्र सेनानी श्री सुरेश खण्डेलवाल ने आभार जताया। उन्होंने संघ की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।

सेमिनार संयोजक तथा संघ के एसोसिएट सचिव राजेन्द्र जोशी ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। उन्होंने बताया कि सेमिनार में 6 राज्यों के शिक्षाविदों ने भाग लिया। इस दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों के बारे में बताया।

इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार का उद्घाटन किया। प्रो-वीसी प्रो. हेमंत दाधीच ने स्वागत उद्बोधन दिया।
सेमिनार के उद्घाटन सत्र में अतिथियों ने फोल्डर का विमोचन किया। इसमें सेमिनार से जुड़े विषयों को संकलित किया गया है।

प्रो. राजा और खण्डेलवाल का किया अभिनंदन
इस दौरान भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. एल राजा तथा महासचिव श्री सुरेश खण्डेलवाल का उनकी सुदीर्ध सेवाओं के लिए नागरिक अभिनंदन किया गया। इस सत्र के मुख्य अतिथि रोटरी क्लब के पूर्व गवर्नर श्री राजेश चूरा थे। अध्यक्षता पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नरेश गोयल ने की।

दोनों विभूतियों के अभिनंदन पत्रों का वाचन डॉ रेणुका व्यास और राजाराम स्वर्णकार ने किया। इस दौरान चित्रकार योगेन्द्र पुरोहित ने प्रो. राजा को पेंसिल स्केच भेंट किया।

विभिन्न सत्रों में वक्ताओं ने किया मंथन
सेमिनार संयोजक राजेन्द्र जोशी ने बताया कि सेमिनार के दौरान दो तकनीकी सत्र हुए। पहले सत्र की अध्यक्षता एमएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. उमाकांत गुप्त ने की। इस सत्र के संयोजक दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. राजेश थे। प्रो. एल राजा ने पावर पाइंट प्रजेंटेशन दिया। गुजरात की प्रो. आशा वर्मा और बीकानेर के डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने पत्रवाचन किया। इस सत्र में के. के. शर्मा में वक्ता के रूप में मौजूद रहे।

दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रो. हेमंत दाधीच ने की। इसके संयोजक आंध्रप्रदेश के डॉ. आदित्य नारायण रेड्डी थे। मध्यप्रदेश के मृणाल पंत और बीकानेर की डॉ. रेणुका व्यास, डॉ. गौरी शंकर प्रजापत और डॉ. प्रशांत बिस्सा ने पत्रवाचन किया।

समापन सत्र में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे। उपनिदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य ने आभार जताया। कार्यक्रम में सरोज भाटी, डॉ. अजय जोशी, डॉ. मोहम्मद फारूक, सुरेंद्र जोशी, अशफाक कादरी, एड. महेंद्र जैन सहित अनेक लोग मौजूद रहे।


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