Tp न्यूज़। बीकानेर में चीन की दीवार? सुनने में यह भले ही कुछ अजीब लगे, लेकिन उरमूल डेयरी में चल रहे गड़बड़झाले ने इसे साबित कर दिया। भ्रस्टाचार ने चीन की दीवार को भी बौना कर दिया है। तात्कालीन प्रबन्ध संचालक श्री महेश शर्मा द्वारा अपने सेवानिवृत्ती माह अक्टूबर में भी भ्रष्टाचार कर डेयरी को पहुंचाया लाखों का नुक़सान,।
एकं ही दिन में खड़ी करवा दी चीन की दीवार! दीवार 100-125 फिट की। उरमूल कालोनी व IGNP कालोनी के बीच की मरम्मत व नवनिर्माण की कार्यालय टिप्पणी सम्पदा विभाग द्वारा न चलाकर प्रभारी ( सेवानिवृत्त संविदा नियुक्त कर्मचारी ) पी एण्ड ए द्वारा दिनांक 28. 7. 2020 को चलवाई गई, जिसमें टिप्पणी में प्रभारी ( संविदा नियुक्ति पर) पी एण्ड ए सहित प्रबंध संचालक सहित सभी ने हस्ताक्षर 22. 7. 2020 में यानि कार्यालय टिप्पणी जारी होने से भी 5 दिन पहले कर दिए गये ।
फिर शुरू हुआ भ्रष्टाचार का खेल, ढाई माह बाद कोटेशन लेकर नेगोसिएशन दिखा कर एक फर्म को 185625/- रूपए में ठेका दिनांक 5. 10. 2020 को कमेटी गठित कर दिया गया।( बिना वर्क आर्डर के) फर्म द्वारा दिनांक 6. 10 2020 यानि एक दिन पश्चात ही कार्य पूरा कर बिल 185625/- रूपए का दे दिया गया ।बिल में निम्नलिखित सामान व लेबर लगाये दर्शाये
गये
- 7500 ईंट लगी 4500/-प्रति हजार से 33750/- व 2105/- परिवहन के अलग से
- 90 कट्टा सीमैण्ट लगी 360/- प्रतिबैग से 32400/-
- 1000 घनफुट बजरी लगी 15000/-
- 7 भीलवाडा स्लेब लगे 960/-प्रति स्लेब से 6720/-
- 30 फुट ग्रीट लगी 35/-प्रति फुट से 1050/-
- भीलवाडा स्लेब व ग्रीट परिवहन 1000/- अलग से
- कमरे की छत पर स्लेब चढ़ाई ख़र्च 1000/-
- मेशन 45,. 750/-प्रति से 33750/-
- बेलदार 107,,. 550/-प्रति बेलदार से 68850/- आश्चर्य कि उक्त समस्त कार्य मात्र एक ही दिन में एक साथ 45 कारीगर व 107 मजदूर लगाकर पूरा कर दिया और मज़े की बात कि उक्त बिल का भुगतान भी अगले दिन ही कर दिया गया और यह समस्त कार्य तात्कालीन प्रबन्ध संचालक श्री महेश शर्मा के सेवानिवृत्ति माह में कमेटी गठित दिखाकर सम्पादित किया गया
हकीकत में वहां पर देखने पर पता चलता है कि दीवार नवनिर्माण व मरम्मत के नाम पर केवल मात्र 80 फिट दीवार पर सीमेंट पोती गई है। कहीं पर भी सीमेंट बजरी व ईंटों के निशान तक नहीं है। पूरी दीवार टेढ़ी-मेढ़ी है।
भ्रष्टाचार के ऐसे अनेकों प्रकरण ईन्होने अपने उरमूल कार्य काल में किए हैं। उदाहरणार्थ
- भूरिया धोरा महादेव वाली छतरगढ़ आर्मी दूध सप्लाई परिवहन ठेका रेट, चलते ठेके के बीच 1.68/- से बढ़ा कर 3.68/- प्रति लीटर दुग्ध परिवहन दो वर्ष के लिए बढ़ा कर उरमूल डेयरी को प्रतिमाह 6. 7. लाख रुपए का नुक़सान पहुंचाने की कार्रवाई को कारित किया।
- बज्जू दुग्ध चीलींग सेन्टर पानी डिग्गी मरम्मत कार्य वहां के प्रभारी द्वारा कमेटी बना कर 10500/- का कार्य प्रमाणित किया गया जिसका इनके द्वारा 36500/- रुपए का भुगतान कर उरमूल डेयरी को नुक्सान पहुंचाया गया।
- लोकडाऊन काल में लूणकरणसर दुग्ध चीलींग सेन्टर पर महंगी दरों पर दूध के नाम पर मिलावटी दूध वहां के प्रभारी पर प्रेशर डाल कर तुलवाया व दूध (जो कि दूध के नाम पर मिलावट थी ) परिवहन व्यवस्था न करवा कर लाखों रुपए का नुक़सान पहुंचाया।
- श्रमिक व लेबर कान्ट्रेक्टर फर्म के साथ सांठगांठ कर श्रमिकों के वेतन में गड़बड़ी की व उनका पी एफ उनके खातों में जमा ना करवा कर ठेकेदारों के रिश्तेदारों के खातों में जमा करवाये गये।
- चहेते कर्मियों को नियम विरुद्ध लाभ व अनचहेतो की नियमविरूध्द कटोतिया की गई। इन सभी भ्रष्टाचारो की शिकायते उरमूल डेयरी सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, डेयरी मंत्री, डेयरी सचिव, राजस्थान को- आपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक, जी एम , आई डी ओ, जयपुर के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, प्रशासक उरमूल डेयरी को व अन्यो को की गई है।
इन कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ तो कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन लिवरेज व अन्य लाभ नहीं मिल रहें हैं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके बकाया लिव इनकेशमैण्ट, छठे व सातवें वेतनमानों के एरियर भुगतान नहीं किये जा रहें हैं वहीं ये बाहर के RCDF से भेजे चलते फिरते अधिकारी जिन्हें केवल अपनी जेबें भरनी है व समय पास करना है, उरमूल डेयरी को लाखों का चूना लगा कर उरमूल डेयरी को नुक्सान पहुंचा रहै है ।