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IMG 20241104 WA0120 राजस्थानी युवा कविता के स्वर कार्यक्रम 10 को, आत्मकथा का लोकार्पण Bikaner Local News Portal साहित्य
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Thar पोस्ट न्यूज।बीकानेर/सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में रविवार 10 नवम्बर को युवा कवियों के लिए समकालीन राजस्थानी युवा कविता के स्वर कार्यक्रम की पांचवी कड़ी आयोजित होगी।

कार्यक्रम प्रभारी साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी करेंगे तथा समारोह की मुख्य अतिथि कवयित्री-आलोचक डाॅ.रेणुका व्यास होंगी।

स्वर्णकार ने बताया कि युवा कवियों की रचनाओं पर त्वरित टिप्पणी डाॅ.नमामी शंकर आचार्य करेंगे । उन्होंने बताया कि पांचवी कड़ी में राजस्थानी युवाओं के लिए आयोजित कार्यक्रम में युवा कवयित्री-गीतकार मीनाक्षी स्वर्णकार , युवा कवि-गीतकार आनंद कुमार पुरोहित एवं युवा कवि मनोज रतन व्यास राजस्थानी काव्य पाठ करेंगे।
इस पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के सहयोगी अब्दुल शकूर सिसोदिया अध्यक्ष बागेश्वरी साहित्य एवं कला संस्थान होंगे। सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सभागार में सुबह सवा दस बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा।

आत्मकथा का हुआ लोकार्पण*

बीकानेर/ सखा संगम बीकानेर के तत्वावधान में प्रख्यात समाजसेवी एवं राजनैतिक कार्यकर्ता खूमराज पंवार की आत्मकथा का लोकार्पण सोमवार को भैरू निवास में किया गया। लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे। समारोह की अध्यक्षता सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा ने की तथा विशिष्ट अतिथि साहित्यकार राजा राम स्वर्णकार रहे।
प्रारंभ में शिक्षाविद भगवान दास पडिहार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए खूमराज पंवार के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

मुख्य अतिथि राजेन्द्र जोशी ने कहा कि खूमराज पंवार का जीवन सदैव समाज के लोगों के बीच उनके कल्याण में व्यतीत हुआ है। और वह आज भी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखते है। जोशी ने कहा कि खूमराज पंवार किसी परिचय के मोहताज नहीं है, वे राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में सदैव सिद्धांतों की राजनीति किया करते थे। जोशी ने कहा कि पंवार सामाजिक जीवन में भी आदर्श स्थापित करते है, उन्होंने अपनी आत्मकथा में उन सारी चीजों को भी सम्मिलित किया है जो अक्सर आत्मकथा लिखने वाले लोग छुपाए रखते है। किया करते तो उन्होंने कहा कि आत्मकथा लिखने में पंवार ने ईमानदारी का परिचय दिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एन.डी. रंगा ने कहा कि खूमराज पंवार मित्रों के मित्र हैं और वे क्रीड़ांचल पत्रिका के सहयोगी रहते हुए दोस्ती निभाने में सदैव अग्रणी भूमिका में रहते थे।
विशिष्ट अतिथि राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक कार्यकर्ता एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए आत्मकथा लिखने का महत्वपूर्ण कार्य खूमराज पंवार ने किया है जिसकी प्रशंसा होनी चाहिए।

इस अवसर पर खूमराज पंवार ने अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि उनका जीवन दोस्तों के कारण आनंदित हो गया और वही कथ्य मैंने आत्मकथा में लिखने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम का संचालन इंद्र नारायण छंगाणी ने किया । कार्यक्रम में अनेक लोगों ने खूमराज पंवार का माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया तथा अपने विचार व्यक्त किये।


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