Thar पोस्ट न्यूज। बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव वीरेंद्र किराड़ू एवं अनंतवीर जैन ने जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि से मुलाकात कर फायरवर्क्स व्यापारियों के लिए अलग से मार्केट की व्यवस्था करवाने की मांग की । प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बीकानेर के शिवबाड़ी क्षेत्र में वर्ष 2013 में नगर विकास न्यास द्वारा आतिशबाजी मार्केट आवंटित किया गया व उस मार्केट में फायर वर्क्स व्यापारियों को लोटरी द्वारा दुकानें आवंटित कर दी गई थी। इस मार्केट का भूमि पूजन भी किया गया था । इसके लिए स्थाई अनुज्ञापत्र धारकों से आवेदन भी मांगे गए और साथ ही धरोहर राशि भी जमा करवाई गई तत्पश्चात लौटरी द्वारा 38 आवेदकों को भूखंड आवंटित किये गये और मार्केट का शिलान्यास कर मूलभूत सुविधाओं के लिए 50 लाख का टेंडर भी निकाला गया लेकिन किन्ही कारणों से मार्केट बन नहीं पाया | जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने फायरवर्क्स कारोबारियों की इस समस्या का जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया।
बीकानेर। श्रीराम कथा समिति के तत्वाधान में सीताराम भवन में चल रही 9 दिवसीय शिव पुराण कथा के पांचवें दिन वृन्दावन से पधारे महाराज भरत शरण ने कहा कि दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता भी बताई। साथ ही कहा कि जो दावा करे दुख मिटाने का,वो नकली है। क्योंकि जो असली है, वो आपके दुखों को मिटाने का दावा नहीं करेगा। महाराज श्री ने कहा कि शिव परिवार में भगवान के वाहक नन्दी,मां पार्वती का शेर, गणेश जी का मूसक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। शिव के गले मे सर्प रहते हैं जो सभी विपरीत विचारधारा के बीच सामंजस्य रखना ही शिव पुराण सिखाता है। महाराज ने कहा कि भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गए है, परंतु शिव ने विवाह भी कर संसार को गृहस्थ आश्रम में रहकर भी वैराग्य व योग धर्म का अनुसरण करने का तरीका दिया। कथावाचक भरत शरण ने कहा कि शिव पुराण में भगवान भोलेनाथ और मां जगत जननी पार्वती के विवाह की कथा का विवरण है। शिव पुराण की कथा कहती है जो इस कथा का श्रवण कर लेता है उसके शरीर की मुक्ति हो जाती है। इससे पहले वृंदावन से पधारे पंडित विक्रम सिंह तथा अवध बिहारी ने मुख्य यजमान बजरंग लाल, शांतिदेवी चांडक ,नवल किशोर चांडक, विजय वर्षा चांडक, पवन, मधु चांडक, रितु चांडक, मनीषा चांडक, पूर्णिमा चांडक, प्रकाश चांडक, रागिनी चांडक, सुमन चांडक तथा अभय-कश्यप चांडक आदि परिवार द्वारा पूर्ण विधि विधान द्वारा मंत्रोचार के साथ पूजन करवाया। इस अवसर पर नारायण डागा, जगदीश कोठारी, नारायण मिमानी, याज्ञवल्क्य दम्माणी, मोहित चांडक, विष्णु चांडक, घनश्याम कल्याणी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा के अंत में महाआरती का आयोजन किया गया।