Thar पोस्ट, न्यूज जयपुर। दिग्गज नेता कमला बेनीवाल ने 97 क उम्र में जयपुर के फोर्टिंस हॉस्पिटल में आखरी सांस ली। उनकी पार्थिव देह मालवीय नगर आवास पर दर्शनार्थ रखी गई है। राजस्थान की विधानसभा में चुनाव जीतकर पहुंचने वाली पहली दो महिलाओं में से एक कमला बेनीवाल रहीं। वे सात बार विधायक रही। राजस्थान की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनने का गौरव भी कमला बेनीवाल के नाम है।
हालांकि गुजरात की राज्यपाल रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके रिश्तों को लेकर विवाद की स्थिति बनी रही। उन्हें बाद में मिजोरम की राज्यपाल बनाया गया जहां से कार्यकाल पूरा होने के चार महीने पहले हटा दिया गया।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल को शाहपुरा से टिकट नहीं दिया। कमला ने बेटे को निर्दलीय मैदान में उतारा और 92 की उम्र में खुद मैदान में उतरकर बेटे के लिए वोट मांगे। आलोक बेनीवाल ने उस चुनाव में निर्दलीय के तौर पर जीत दर्ज की। कांग्रेस के मनीष यादव को हराया। भाजपा के राव राजेन्द्रसिंह तीसरे नंबर पर रहे।
कमला बेनीवाल ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली। 1954 में 27 वर्षीय कमला विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। वे अशोक गहलोत की सरकार में गृह, शिक्षा और कृषि मंत्रालय सहित कई विभागों की मंत्री रहीं। वे राज्य की उपमुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। कमला 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्यपाल नियुक्त हुईं। इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया था। गुजरात की राज्यपाल बनने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई मसलों पर अनबन हुई जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति भी शामिल है।