


Thar पोस्ट न्यूज नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा अपनी ‘वेबलाइन साहित्य शृंखला’ के अंतर्गत राजस्थानी भाषा के युवा कवियों के साथ ‘युवा साहिती’ कार्यक्रम का आयोजन आॅनलाइन किया गया। इस कार्यक्रम में सुश्री सपना वर्मा, श्री पूनम चंद गोदारा और डाॅ0 गौरीशंकर निमिवाळ ने अपनी राजस्थानी कविताएँ सुनाईं।



रंगकर्म और शिक्षण-व्यवसाय से जुड़े डाॅ. निमिवाळ ने ‘रंगजातरा’, ‘आलणो अर घर’, ‘कठे है घर?’, ‘पींपली’, ‘रोटी’ एवं ‘छांटां-छिड़को’ कविताओं का पाठ किया। युवा कवयित्री सपना वर्मा ने ‘कलाकारी’, ‘नाम री चिड़कली’, ‘माॅडर्नपणौ’, ‘धरती गो घूमणौ’, ‘लुगाई’ एवं ‘त्यूंहारी’ कविताएँ सुनाईं, जिनमें स्त्री-जीवन के यथार्थ और सपनों से जुड़ी अभिव्यक्तियाँ थीं।
श्री पूनम गोदारा ने ‘चीकणो घड़ी’, ‘नदी अर सागर’, ‘पारधी’, ‘मंजूर नेता’ एवं ‘चै’रक्या’ अपनी कविताओं के साथ-साथ कुछ गजलों का पाठ भी किया। व्यक्ति, परिवार और समाज के अनुभवों से जुड़ी इन अभिव्यक्तियों को श्रोताओं द्वारा काफी पसंद किया गया और सराहा गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अकादेमी के उपसचिव डाॅ. देवेंद्र कुमार देवेश ने कवियों का संक्षिप्त परिचय दिया और अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।





