Tp न्यूज । महाविद्यालय शिक्षा में दशहरा-दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश में की गई कटौती को लेकर राज्य के कॉलेज शिक्षकों में रोष उत्पन्न हो गया है । राजस्थान विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष दशहरा-दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश की अवधि में भारी कटौती की है। अवकाश की अवधि को कम करने का कोई समुचित कारण नहीं बताया गया है। दशहरा एवं दीपावली भारतीय समाज में वर्ष के सबसे बड़े त्योहार हैं। अब तक के इतिहास में पहली बार इन अवकाशों में कटौती की गई है। कोरोना महामारी के कारण इस बार ग्रीष्मावकाश 15 दिन पूर्व किये गये लेकिन महाविद्यालय भी नियत अवधि से 15 दिन पूर्व ही खोल दिए गए, अर्थात् ग्रीष्मावकाश में कोई वृद्धि नहीं हुई। इस अवकाश अवधि में लॉकडाउन एवं प्रशासन के मुख्यालय न छोड़ने के आदेशों के चलते जो शिक्षक अपने मूलनिवास से भिन्न स्थान पर पदस्थापित है, वे इस बार अपने घर नहीं जा पाए थे। राज्य सरकार के आदेश अनुसार 15 जून के बाद से ही शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से अध्ययन करवा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के अत्यधिक संभावना होने के बाद भी राज्य सरकार के आदेशों का निष्ठापूर्वक पालन करते हुए शिक्षकों द्वारा विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी बड़ी मात्रा में संपन्न करवाई गई हैं।रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि संगठन का यह मानना है कि कोरोना के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होना चाहिए । यदि विद्यार्थी हित को अवकाश कटौती का आधार बनाया जाता तो इस तथ्य को अवश्य ध्यान रखा जाता कि अभी तक महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षाओं हेतु उपस्थित होने की अनुकूल परिस्थितियां नहीं बनी है । इस परिदृश्य में महाविद्यालय शिक्षकों के अवकाश कटौती का कोई कारण नहीं बनता । रुक्टा (राष्ट्रीय) ने उच्च शिक्षा मंत्री से अवकाश कटौती के इस आदेश पर पुनर्विचार करते हुए हर वर्ष की भांति ही अवकाश के आदेश किए जाने की मांग की है।