Thar पोस्ट, बीकानेर में गायों के नाम पर राजनीति चरम सीमा पर है! जंहा एक तरफ ऐसे गौभक्त है जो निराश्रित गोवंश की मदद के लिए अपनी जेबों व अन्य वित्तीय संसाधनों के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े है । तो वंही दूसरी और इसके उलट विरोधाभासी खेमा अपनी पूरी ताकत के साथ इन गौभक्तों को जमीदोंज करने पर आमादा है । चोंकाने वाली बात यह है कि यह विरोधाभासी खेमा कोई और नही बल्कि बीकानेर की प्रथम नागरिक मेयर शुशीला कंवर राजपुरोहित व मेयर पति विक्रम सिंह व मेयर के ससुर गुमानसिंह है,इन तीनो के ऊपर यह आरोप नापासर रोड़ गाढवाला स्थित श्री सोहन लाल बुलादेवी ओझा गौशाला समिति के अध्यक्ष अनिल ओझा ने शुक्रवार को बीकानेर के होटल बीकालाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए है ।ओझा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया गौशाला में 7000 आवारा पशुओं का रखरखाव का एमओयू , नगर निगम , बीकानेर के साथ 2018 में हुआ था । तत्कालीन कलक्टर कुमारपाल गौतम द्वारा अनुशंषा करते हुए समिति से अनुरोध किया कि शरह नथानिया में प्रस्तावित निगम की 150 बीघा जमीन पर गाढ़वाला जैसी एक गौशाला का निर्माण करें ताकी 10000 आवारा पशुओं को रखा जाये और बीकानेर शहर को आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाई जा सके । समिति ने तत्कालीन महापौर नारायण चोपड़ा और तत्कालीन कमिश्रर के साथ मीटिंग कर ये एमओयू 30 जुलाई 2019 को किया था । इस एमओयू के तहत 5 करोड़ रुपए नगर निगम बीकानेर को हमें ऐडवांस देने थे , जो 10.5 लाख रुपए की मासिक किश्तों में देना तय हुआ था । इस एमओयू के अन्तर्गत नगर निगम को हमें दो पशु चिकित्सक , चार एलएसए , पशुओं के लिए पीने के पानी की सुविधा और अपशिष्ट जल की निकासी का इन्तजाम करवाना था जो आज तक नहीं हुआ , अन्या तय शर्तों को हमारी संस्था ने शत प्रतिशत पूर्ण किया है । ओझा ने आरोप लगाते हुए बताया कि जनवरी 2020 में गुमान सिंह और उनके गुंडे , उनकी गौशाला में रोज आकर उनके स्टाफ को तंग परेशान करने लगे । इस घटना की शिकायत हमने जिला और राज्य प्रशासन को कर रखी है जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं नहीं हुई है । आखिर , 1 मई 020 को जब इन लोगों से परेशान होकर हमने गौशाला का प्रबंधन नगर निगम को सौपने के लिए 30 दिनों का नोटिस दिया । जैसे ही वो 30 दिन पूरे हुए गुमान सिंह के गुंडों ने हमारे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया और मेयर तथा उनके पति विक्रम सिंह ने उनके प्रतिस्थान के ताले तोड़ दिये । फिर तत्कालीन कलक्टर के अनुरोध पर उनकी समिति ने वापिस कम करना शुरू कर दिया । इन शिकायतों के बाद उपरोक्त लोगों की गुंडागर्दी और बढ़ गई । यह तक की हमारा एमओयू में निर्धारित 5 करोड़ ऐडवांस में से 2.5 करोड़ ही दिया गया । उसके बदले हमने 3 करोड़ का तो निर्माण ही करवा दिया गया है और 2.5 करोड़ वापिस नगर निगम को लौटा दिये । आज दिन तक 3.5 करोड़ गाढ़वाला गौशाला तथा 50 लाख शरह नथानिया कुल जमा 4 करोड़ नगर निगम बीकानेर द्वारा उन्हें दिए है , पिछले मई 2020 से मेयर सुशीला राजपुरोहित द्वारा रोक दिया गया है । ओझा के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को नगर निगम महापौर सुशीला राजपुरोहित द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है । भाजपा नेता गुमानसिंह व विक्रमसिंह द्वारा कोर्ट के आदेशों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है । ओझा ने बताया कोर्ट ने 2 अगस्त 2021 को आदेश दिया कि गौशाला के संबंध में किये गये एमओयू की शर्तों का सख्ती से पालन किया जाये । उस आदेश को 1 माह बीत चुका है और नगर निगम बीकानेर की तरफ से अब तक कोई समाधान प्रस्तुत नहीं किया गया है ।