Thar पोस्ट, बीकानेर। एस पी मेडिकल कॉलेज के करीब 300 रेजीडेंट डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। पीबीएम हॉस्पिटल की ओपीडी में अपनी सेवाएं नहीं दी । सोमवार से वे हॉस्पिटल के आपातकालीन वार्ड को छोड़ किसी भी वार्ड और ओपीडी में मरीजों को नहीं देख रहे । नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही लेटलतीफी के विरोध में उन्होंने दो दिन पहले ही 28 नवंबर को कार्य बहिष्कार और 29 नवंबर से संपूर्ण कार्य बहिष्कार करने की घोषणा कर दी थी । इस संबंध में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ . मुकेश आर्य को भी ज्ञापन सौंपा था । रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महीपाल नेहरा ने बताया कि फिलहाल दो बैच के रेजीडेंट डॉक्टर्स ही हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक बैच गायब होने से मरीजों और रेजीडेंट डॉक्टर्स को मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । नेहरा ने बताया कि हॉस्पिटल में 450 रेजीडेंट होने चाहिए , लेकिन 300 डॉक्टर्स से ही काम चलाना पड़ रहा है । उन्होंने बताया कि समय रहते रेजीडेंट डॉक्टर्स की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो रेजीडेंट डॉक्टर्स का आंदोलन लंबे समय तक जारी रहेगा ।रेजीडेंट डॉक्टर्स के संपूर्ण कार्य बहिष्कार का खमियाजा हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को भुगतना पड़ेगा । वर्तमान में जिला और पीबीएम हॉस्पिटल में डेंगू मरीजों की भरमार है । दोनों हॉस्पिटल के ओपीडी में रोजाना करीब 1500 सौ मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं । वायरल बुखार और डेंगू लक्षणों वाले मरीजों की बढ़ी संख्या हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर्स के लिए परेशानी का कारण बनेंगी । उधर शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी दिनों – दिन बढ़ रही है । तीसरी लहर की आशंका के बीच अगर रेजीडेंट डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार लंबा खिंचता है तो कोरोना महामारी और डेंगू वायरस पीडित मरीजों की संख्या घटने की बजाय बढ़ेगी