


Thar पोस्ट न्यूज। आमजन से जुड़े कई नियम 1 जनवरी से बदल जाएंगे। नए साल के पहले दिन से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानि UPI पेमेंट, EPFO पेंशन, अमेजन प्राइम मेंबरशिप के नियम बदल जाएंगे। इनके अलावा कारों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। हर महीने की एक तारीख को LPG गैस सिलेंडर की कीमते तय की जाती है।



महीने की एक तारीख को एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों बदलाव होता है। बीते कुछ महीनों से 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। वहीं, 14 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत लंबे समय से स्थिर है। माना जा रहा है कि एक जनवरी को इनकी कीमतों में बदलाव हो सकता है।
कारे होगी महंगी : कारों की कीमत बढ़ेगी। Hyundai, Mahindra, Tata, Maruti Suzuki, Mercedes-Benz, Honda, Audi जैसी कंपनियां अपने वाहनों की कीमतों में लगभग 3 प्रति तक की वृद्धि करेंगी। उदाहरण के लिए, यदि दिसंबर में किसी कार की कीमत 7 लाख रुपये थी, तो जनवरी में वही कार लगभग 7.21 लाख रुपये हो जाएगी।
पेंशनर्स को राहत: जानकारों के अनुसार पेंशनभोगियों को राहत मिलने वाली है। एक जनवरी 2025 से पेंशनभोगी अब देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जो छोटे कस्बों या ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
लेनदेन की सीमा : UPI 123पे सेवा के जरिए लेनदेन की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी हो जाएगी। एक जनवरी से यह 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी जाएगी। यह सेवा कीपैड फोन उपयोगकर्ताओं को बिना इंटरनेट कनेक्शन के पेमेंट करने की सुविधा देती है।
एक जनवरी 2025 से एक प्राइम अकाउंट से केवल दो टीवी पर ही प्राइम वीडियो स्ट्रीम किया जा सकेगा। अगर कोई तीसरे टीवी पर प्राइम वीडियो देखना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन लेना होगा। यानी अगले साल में आपको तीसरे टीवी पर प्रइम वीडियो के लिए जेब ढिली करने पड़ेगी।
FD में बदलाव:
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) एक जनवरी से फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में बदलाव करने जा रही है। यह नए नियम नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंशिंग कंपनियों (एचएफसी) के लिए होंगे। जनवरी की पहली तारीख से डिपॉजिट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। इसमें जनता से डिपॉजिट लेने, लिक्विड एसेट का एक हिस्सा सुरक्षित रखने और डिपॉजिट का बीमा कराने जैसे बदलाव शामिल हैं।




