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IMG 20220805 172930 10 युवाओं में बढ़ रही है बेचैनी, 25 साल की उम्र में एंग्जाइटी, रोग और डिप्रेशन के शिकार, ये है बचाव के उपाय! Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय
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Thar पोस्ट। न केवल भारत वर्ष में बल्कि विश्व के अनेक देशों में युवाओं में तनाव की समस्या सबसे ज्यादा गंभीर होती जा रही है। ये तनाव उन्हें बेचैन कर रहा है। जिसकी वजह से कम उम्र में ही युवा डिप्रेशन के शिकार होने लगे हैं समय से पहले बीमारियों से घिर रहे हैं। खासतौर से काम करने वाले युवा यानि जो नौकरी कर रहे हैं उनके अंदर ठहराव, लगन और काम के लिए पैशन बहुत कम है। सामान्य बातों पर स्ट्रेस लेने लगते हैं। हाल की में हुई एक स्टडी में भी ऐसे ही आंकड़े सामने आए हैं। जिसमें 25 साल के युवा कर्मचारियों में से 90 प्रतिशत का मन और दिमाग बेचैन पाया गया है। जिसकी वजह से कई बार नकारत्मकता व रोगों से ग्रसित पाये गए है। इस रिपोर्ट में कहा गया है 45 साल से ज्यादा के युवा वर्कर 67 प्रतिशत चिंता और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इसमें से बड़ी संख्या में लोगों की काउंसलिंग की जा रही है। इन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य, चुनौतियों से लड़ने और उनके समाधान निकालने के लिए काउंसलिंग की जाती है। रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ सालों में  ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं 15 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि इनमें से 59 प्रतिशत लोगों में किसी न किसी तरह खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृति देखी गई है। सर्वे में करीब 30 प्रतिशत लोगों में गंभीर डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दिए। 30% से ज्यादा लोग चिंता और डिप्रेशन से निकलने के लिए जागरुक पाए गए। इसके चलते

  • तनाव-अवसाद को व्यक्त करने में कठिनाई
  • चिड़चिड़ापन बढ़ना
  • बहुत गुस्सा आना
  • व्यवहार में परिवर्तन
  • काम में मन न लगना
  • लोगों से दूर भागना
  • बात-बात पर रोना 
  • खाना खाने में परेशानी। यदि आप

ऐसे बचाव कैसे करें? जीवन शैली बदलें

तनाव और डिप्रेशन से बचना है तो सबसे पहले हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। मित्र बनाएं, उनके साथ हथाई गपशप करें, अक्सर परिवार व समाज वाले पूछते है आपकी हैसियत क्या है, आपकी उपलब्धि क्या है? लेकिन कमबख्त मित्र ही जो पूछते है ‘आप कैसे हो’। यदि मित्र नहीं है या आपको बनाना पसंद नहीं है तो प्रकृति, पेड़ पौधों के बीच कुछ समय बितायें। इस बात को गहराई से ध्यान में रखें कि नॉकरी, जॉब केवल जीवन का एक फेज है जीवन की प्रक्रिया बहुत लंबी है। इसलिए रचनात्मक कार्य करें। कोई शौक पालें मसलन संगीत का शौक़, गाने या सुनने, किताबें पढ़ने या बढ़िया फ़िल्म देखने शौक आदि। अपना मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। देर रात में जागना बन्द कर दें। यह देखा गया है कि नॉकरी की वजह से महानगरों में रहने वाले युवा देर रात तक जागते है। दिन में सो नही पाते। उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है भूख भी नहीं लगती। अतः 6-8 घंटे की नींद से कई विकारों को दूर किया जा सकता है। आपको खाने में पौष्टिक आहार और अपनी पसंद की चीजें शामिल करनी चाहिए। तनाव-अवसाद से बचे रहने के लिए योग-मेडिटेशन का सहारा लें। रोजाना कोई न कोई फिटनेस एक्टिवटी करें। जरूरत लगे तो काम से कुछ दिनों का ब्रेक लें और परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। अपने मन की बात जरूर किसी से साझा करें।


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