



Thar पोस्ट। कोरोना काल के बाद पहली बार आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का निर्णय किया गया है। इसे 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने दर कटौती के पक्ष में अपना मत दिया है।



गवर्नर के तौर पर संजय मल्होत्रा ने पहली बार मौद्रिक नीति समिति के फैसले का एलान किया। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य के करीब है। फ्लेक्सिबिल महंगाई लक्ष्य से इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ा है। मौद्रिक नीति को अब भी तटस्थ रखा गया है। आरबीआई गवर्नर तीन दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दरों पर फैसले का एलान किया।
यह होगा असर : किसी ने 50 लाख रुपये का लोन 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से 20 साल के लिए लिया है और आरबीआई यदि 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा करती है तो उसकी ईएमआई कम हो जाएगी, जैसे कि पुराने ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर 43,391 रुपये की ईएमआई देनी पड़ती है, और ब्याज दरों पर कटौती के बाद नई ब्याज 8.25 प्रतिशत पर 42,603 रुपये हो जाएगी, जिसमें महीने में 788 रुपये की बचत और साल भर में 9,456 रुपये की बचत होगी। यदि आप ने 5 लाख रुपये का कार लोन 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया है तो 11,282 रुपये पुरानी ईएमआई पर देने पड़ रहे हैं, यदि कटौती हुई तो कार लोन की नई ईएमआई 11,149 रुपये होगी। जिसमें 133 रुपये महीने के और साल भर में 1,596 रुपये की बचत होगी।