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IMG 20240711 092639 नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं सरकार Bikaner Local News Portal देश
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Thar पोस्ट, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित कर रहा है कि 23 लाख अभ्यर्थियों पर ‘अप्रमाणित आशंकाओं’ के आधार पर दोबारा परीक्षा का बोझ न डाला जाए। केन्द्र सरकार ने कहा है कि वो ये सुनिश्चित कर रहा है कि गलत तरीके से फायदा उठाने के दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ न मिले।

NTA ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में कहा कि NEET परीक्षा में जिन गड़बड़ियों का हवाला याचिका में दिया गया है, वो सिर्फ पटना, गोधरा के कुछ सेंटर तक सीमित है। वहीं दूसरी जगहों पर कुछ छात्रों ने परीक्षा पास करने के लिए जो गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है, जो अपने आप में बहुत कम घटना घटी है और उनका याचिका में दर्ज बाकी घटनाओं से कोई सम्बंध नहीं है।

पेपर लीक का व्यापक पैमाना नहीं

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET-UG 2024 परीक्षा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। NTA ने गोधरा और पटना के कुछ केंद्रों पर कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई गड़बड़ी के बारे में पता चलने के बाद संबंधित केंद्रों पर उपस्थित सभी उम्मीदवारों के प्रदर्शन का आकलन किया है, ताकि यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि क्या उन केंद्रों पर गड़बड़ी का कोई ठोस प्रभाव पड़ा है, जिससे व्यापक पैमाने पर प्रभाव पड़ सकता है। NTA के हलफनामे में कहा गया कि NTA द्वारा किए गए प्रदर्शन के डेटा विश्लेषण से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि कथित गड़बड़ी ने न तो पूरी परीक्षा की पवित्रता को प्रभावित किया है और न ही गोधरा और पटना के केंद्रों पर उपस्थित होने वाले छात्रों को कोई अनुचित लाभ पहुंचाया है।

हलफनामा में आगे कहा कि कथित तौर पर लीक हुए पेपर की तस्वीरें दिखाने वाले टेलीग्राम वीडियो फर्जी और हेरफेर किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि NTA ने NEET-UG 2024 में उम्मीदवारों के अंकों के वितरण का राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर और केंद्र स्तर पर भी विश्लेषण किया है। यह एनालिसिस बताता है कि नंबरों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक नहीं लगता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा।

हलफनामा केंद्र सरकार का

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास द्वारा किए गए डेटा एनालिसिस में कोई असामान्यता या कोई सामूहिक गड़बड़ी नहीं दिखाई दी। केंद्र ने उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए 7 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का प्रस्ताव रखा है ताकि भविष्य में इस तरह की कोई लीक न हो।


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