Tp न्यूज। पापड़ भुजिया मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन, बीकानेर के अध्यक्ष और जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पूर्व मंत्री गेवरचंद मुसरफ के असामयिक निधन पर जैनाचार्यों, मुनियों व साध्वीवृृंद तथा विभिन्न सामाजिक एवं स्वयं सेवी संगठन के पदाधिकारियों ने श्रद्धाजंलि दी है। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिजी ने भेजे संवेदना पत्र में कहा कि मुसरफ के निधन से संघ में क्षति हुई है। बीकानेर चातुर्मास के दौरान देव, धर्म व गुरु के प्रति श्रद्धा को अनुभव किया। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की मुसरफ ने अपनी ओर से अलग भक्ति की। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुसरफ परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति व आघात है। ऐसे विषम, दुःख भरे समय में परमात्मा महावीर की देशना और आदर्शों का स्मरण से धीरज धारण करना होगा। आयुष्य कर्म अति बलवान है। आयुष्य पूर्ण होने पर सभी को इस संसार से विदा होना होता है। तीर्थंकर व चक्रवर्ती भी अपना आयुष्य परिवर्तित नहीं कर सकते । उनका योग इतना ही था, ऐसा चिंतन कर धर्य व शांति रखते हुए दिवंगत आत्मा के सद््गुणों का स्मरण करें। उनके सत्कार्यों को पूरा करने व आगे बढ़ाने में पुरुषार्थ करें। यही सच्च श्रद्धांजलि होगी। गच्छाधिपति ने दिवंगत आत्मा की सद््गति व शांति की कामना की। जैनाचार्य नित्यानंद सूरिश्वरजी, जैनाचार्य मनोज्ञ सागर जी.म.सा., साध्वीश्री शशि प्रभा ने संवेदना संदेश में उनकी आत्म शांति की कामना की ।बड़ा उपासरा खरतरगच्छ श्री संघ के सदस्य, जं.यु.प्र.वृ.भ.वर्तमान खरतरगच्छाधिपति श्रीपूज्यश्री जिन चन्द्र सूरिशवरजी म.सा. ने श्रद्धा सुमन स्वरूप् भेजे पत्र मं कहा कि आध्यात्मिक, मिलनसार, हंसमुख छवि के व्यक्तित्व के धनि खरतरगच्छ रत्न गेवरचंद मुसरफ के देहावसान से मन आहत हुआ है। मुसरफ के देवलोकगमन से संघ और समाज में अभूतपूर्व क्षति हुई है। मुसरफ ने जीवनकाल में साधना, सदाचार, साधु संतां की सेवा में सदैव अग्रणी रहतेे आएं है। पिछले 21 वर्षों से निरन्तर सम्मेद शिखरजी की यात्रा का अनुपम आयोजन किया । इस साल सम्मेद शिखरजी की यात्रा के दौरान सत्य साधना केन्द्र, खैयदा-कोलकाता में मुसरफ को खरतरगच्छ रत्न अलंकरण से सम्मानित किया गया। उन्होंने मुसरफ को समाज एवं संगठन के प्रति निस्वार्थ भाव से समर्पित, कर्मठ कार्यकर्ता, कुशल कार्यकर्ता, रणनीतिकार व ओजस्वी वक्ता बताते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
स्वर्गीय मुसरफ की उठावना की रस्म जैन धर्म व रीति के अनुसार हुई। हुआ। उठावने में जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने कोविड 19 से बचने की सभी नियमों की पालना करते हुए भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर, रांगड़ी चैक के बड़ा उपासरा व सुगनजी महाराज के उपासरे में दर्शन किए। बड़ा उपासरे में साध्वीश्री श्रद्धानिधिजी ने नवंकार महामंत्र का जाप करवाते हुए मंगलपाठ सुनाया।
केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जल, उर्जा व पर्यटन, कला एवं संस्कृृति मंत्री डा.बुलाकी दास कल्ला, उच्च शिक्षामंत्री भंवर सिंह भाटी, महापौर सुशीला राजपुरोहित, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष मकसूद अहमद, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक दिनेश सक्सेना, उप निदेशक विकास हर्ष, पूर्व अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी शिवकुमार सोनी, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष रघुराज सिंह राठौड़, उद्योगपति शिव रतन अग्रवाल उर्फ फना बाबू, मक्खन लाल अग्रवाल, ललित गोलछा, ललित नाहटा, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पूर्व मंत्री तनसुखराय नाहटा, कौशल दुग्गड़, महेन्द्र कल्ला, चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, जैन पाठशाला सभा के विजय कोचर व नरेन्द्र ने मुसरफ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना की है तथा उनके परिजनों को इस दुखद घड़ी में परमपिता परमेश्वर से आत्मबल प्रदान करने की प्रार्थना की हैं । खादी मंदिर में भी श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई तथा खादी मंदिर के ट्रस्टियों ने उनके निवास पर जाकर संवेदना व्यक्त की।