Thar पोस्ट, बीकानेर। बीकानेर फोटो पत्रकार मनीष पारीक द्वारा कोरोना लॉकडाउन में फोटो पत्रकारिता के साथ जनता के लिए किए गए सेवा कार्यों के लिए इनका नाम तीन राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।पारीक का नाम हाल ही में इसके लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड और ओ माय गॉड बुक आफ रिकॉर्ड्स मैं दर्ज हुआ है। मनीष पारीक को नाम दर्ज बुक के साथ मेडल एवं ट्रॉफी प्राप्त हुई है। फोटो पत्रकारिता के साथ लॉकडाउन में जनसेवा की जानकारी। फोटो जर्नलिस्ट मनीष पारीक, जिन्होंने लॉकडाउन के पहले दिन से अपनी फोटो पत्रकारिता के साथ पूरे कोरोना काल में सेवा कार्य किए। शुरुआत फोटो पत्रकारिता के साथ हुई जिसमें लॉकडॉउन के पहले दिन विशेष फोटोग्राफी के साथ इन्होंने “सन्नाटे में डूबे बीकानेर शहर” का विशेष वीडियो बनाया जिसे देश ही नहीं विदेशों के करोड़ों लोगों ने सोशल मीडिया पर पसंद किया क्योंकि, पूरे भारत में लॉक डाउन का यह पहला ऐसा वीडियो था। इसके बाद इन्होंने लॉकडाउन एवं महाकर्फ्यू के बीच फंसे जरूरतमंद हजारों मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराई। इससे प्रभावित होकर सामाजिक संस्थाओं के आह्वान पर इन्होंने ड्यूटी कर रहे सैकड़ों पुलिस एवं निगम कर्मचारियों को मास्क एवं सैनिटाइजर का वितरण किया। बीकानेर प्रेस क्लब के महासचिव पारीक ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्रकारों की कोरोना जांच करने का पत्र ईमेल किया जिसका असर ये हुआ कि कुछ ही घंटों में पूरे राजस्थान के पत्रकारों की ‘कोरोना जांच’ करने के आदेश की घोषणा हुई l लॉकडाउन के दौरान मनीष पारीक ने अपने प्रयासों से फोटोग्राफर वेलफेयर सोसाइटी बनाकर सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को राशन- सामग्री वितरण करवाई। मनीष से केंद्र में बैठे मंत्रियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से बीकानेर के हालचाल जाने एवं उस पर विशेष कदम उठाए। इस दौरान मनीष पारीक ने अपने फेसबुक पेज के जरिए लाखो लोगो को लॉकडाउन की लाइव वीडियो से जानकारी एवं कोविड से संबन्धित ताजा समाचार उपलब्ध कराएं। आम जनमानस ने मनीष के सामाजिक सेवा कार्यों से प्रभावित होकर कोविड काल की समस्याओं के वीडियो भेजने लगे। इस पेज का उपयोग कोविड अस्पताल में खराब खाना, इलाज की लापरवाही, अधूरी सफाई, मरीजों कि अव्यवस्थित जांच एवं वेंटिलेटर खराबी की समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचा कर उनका निदान करवाया। इनके सोशल मीडिया पेज की मदद से पूरे राजस्थान में पहला मामला ऐसा आया कि जब रोती हुई नेगेटिव मां को अपने 10 साल के पॉजिटिव बेटे के साथ प्रोटोकाल से रहने की स्वीकृति जिला कलक्टर से मिली। कोविड जांच की लंबी कतारों में खड़े लोगो में कोरोना संक्रमण ना हो इसके लिए मनीष ने जब समस्या उठाई गई तो वहां टोकन मशीन की व्यवस्था की गई । कोरोनासंकट के समय जब चारों ओर भयावह स्थितियां थी मनीष का निर्भीक और बिना खुद कि परवाह किये सिलसिलेवार मदद करना , लोगों के लिए आशा की किरण बना। इनके सामाजिक सेवा कार्यों से प्रभावित होकर एक चित्रकार ने मनीष को “बीकानेर का सोनू सूद” की संज्ञा देकर एक चित्र बना कर भेट किया और इस तरह बीकानेर के लोगों ने इन्हे ” बीकानेर सोनू सूद” कि उपाधी से नवाजा। मनीष पारीक ने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से जरूरतमंद सैकड़ों मरीजों को प्लाज्मा भी उपलब्ध करवाया। पारीक के समर्पण उपलब्धि के लिए थार पोस्ट की ओर से बधाई।