ताजा खबरे
IMG 20240721 WA0175 अनुशासित समाजवादी विचारक थे पारीकजी Bikaner Local News Portal साहित्य
Share This News

Thar पोस्ट न्यूज। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान बीकानेर के तत्वावधान में समाजवादी चिंतक सत्यनारायण पारीक की एक सौं एक वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। नागरी भंडार स्थित महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहासकार प्रोफेसर भंवर भादाणी ने की। जयंती समारोह के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार एवं भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ, नई दिल्ली के एसोसियट सचिव राजेन्द्र जोशी थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व्यंग्यकार-संपादक डॉ.अजय जोशी एवं समीक्षक अशफाक कादरी रहे।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर भादाणी ने कहा सत्यनारायण पारीक सिद्धांतों की राजनीति करते थे, वह समाजवादी विचारधारा के हरावल दस्ते के कार्यकर्ता थे, भादाणी ने कहा कि समाजवादी विचारधारा को उन्होंने जीवन पर्यंत जिया, सिद्धांतों की पालना करते हुए एक अनुशासित समाजवादी विचारक थे। उनका व्यक्तित्व – कृतित्व बहुत ही प्रेरणादाई रहा है जिससे आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। भादाणी ने प्रस्ताव रखा कि उनके व्यक्तित्व – कृतित्व पर एक ग्रंथ का प्रकाशन किया जाना चाहिए।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजेन्द्र जोशी ने कहा कि उन्होंने राजनीति में कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, वे जीवन पर्यंत शिक्षक के रूप में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शिक्षित और दीक्षित करते रहे, उन्हें निरक्षरता उन्मूलन के लिए देश का सबसे बड़ा पुरस्कार नेहरू साक्षरता पुरस्कार मिला। जोशी ने कहा कि पारीकजी वैचारिक प्रतिबद्धता के चलते समाजवादी विचारधारा से कभी नहीं डिगे


विशिष्ट अतिथि डॉ अजय जोशी ने कहा  पारीक जी एवं उनका पूरा परिवार सार्वजनिक जीवन में अनुशासित तरीके से रहता आया है। विशिष्ट अतिथि अशफाक कादरी ने कहा कि बीकानेर में जब जब जन आंदोलन उनके नेतृत्व में लड़ा गया तब जनता उनके साथ रही।


पारीकजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर पत्र वाचन करते हुए कार्यक्रम संयोजक एवं साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने उनके नौ दशक की यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर पहला सत्य स्मृति सम्मान वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजवादी चिंतक नारायण दास रंगा को भेंट किया गया। अतिथियों ने रंगा को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर नारायण दास रंगा ने पारीक जी के साथ बिताएं पलों को सभी के सम्मुख साझा किया।


कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती एवं सत्यनारायण पारीक के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। सरस्वती वंदना ज्योति वधवा रंजना ने की। स्वागत उद्बोधन स्वाति पारीक ने दिया। विशन मतवाला।

जुगलकिशोर पुरोहित, सरदार भाई कोचर, श्रीधर शर्मा, गोविंद जोशी ने अपने संस्मरण साझा किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ.नासिर जैदी ने किया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए पारीकजी के सुपुत्र कमलकिशोर पारीक ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया ।


Share This News