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Tp न्यूज। आज बीकानेर में जिला साक्षरता समिति के तत्वावधान में 54 वें अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर साक्षरता सदन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की अध्यक्षता शिक्षाविद् एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा ने की तथा मुख्य वक्ता साक्षरता के स. परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी थे समन्वयक प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मंगलवार को ‘‘साक्षरता: दशा और दिशा’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए राजकुमार शर्मा ने कहा कि हमें पिछले साक्षरता अभियानों को मध्यनजर रखते हुए निरक्षरता उन्मूलन के लिए सामुहिक प्रयास करने होंगे, उन्होंने कहा कि बीकानेर जिले में वर्ष 1991 से 2011 तक विभिन्न अभियानों के संचालन के कारण बेहतरीन सफलता अर्जित की है परन्तु अभी भी शेष रहे असाक्षरों को साक्षर करने की चुनौती है। जिसके लिए वातावरण निर्माण की आवश्यकता है, शर्मा ने कहा कि इतने लम्बे समय के बाद भी पुरुष-महिला साक्षरता का अन्तर अभी भी अधिक है जिसे कम करने की जरूरत है।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता सण्परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने कहा कि बीकानेर सहित सभी स्थानों पर शेष रहे निरक्षरों की पहचान करने एवं अभियान से जोड़ने की चुनौती है, उन्होंने कहा कि शिक्षित लोगों को आगे आकर आन्दोलन का सहभागी बनकर असाक्षरों को साक्षर बनाने में सहयोग करना होगा।
जोशी ने बताया कि पढना लिखना अभियान भारत सरकार से स्वीकृत हो चुका है तथा जिले में संचालित करने के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है, अभियान के अन्तर्गत बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा तथा बीकानेर जिले के ग्रामीण अंचल के साथ शहरों में भी निरक्षरता उन्मूलन के लिए प्रयास किए जाएगा । जोशी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार पुरूषों की साक्षरता 75.9% तथा महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत मात्र 53.23% ही है जिसमें 22.67% बड़ा अंतर को कम करने की जरुरत है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वे निरक्षरता उन्मूलन के लिए सहयोग करें।
गोष्ठी में हेतराम सियाग, सुनील बोड़ा, ओमप्रकाश गोदारा, पृथ्वी राज लेघा, कैलाश कुमार बडगूजर, अजय कुमार बारहठ,बाबूलाल वर्मा, प्रदीप सिंह राजपुरोहित, विक्रम मीणा, भगवान सहाय मीणा सहित अनेक लोगों ने विचार व्यक्त किये ।
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