Thar पोस्ट, न्यूज। बीकानेर के पंकज गोस्वामी लंबे अर्से से अमेरिका में है। वे इस विकसित देश की जीवन शैली के अनुभव साझा कर सीरीज लिख चुके है। कार्टूनिस्ट पंकज गोस्वामी के अनुसार यहां जीवन अलग तरह का है। यहां अमरीका में काम सब खुद ही करने होते हैं घर के हो या बाहर के। ग्रोसरी स्टोर से कच्चा समान लाना ,घर में खाना बनाना, कपड़े ,धोना फर्श की सफाई।मकान के लोन की कटाई, बाग में सिंचाई।यहां कोई बाई नहीं आती ।आफिस में काम करो।थक जाओ तो भी घर का काम करो।दोनों पति पत्नी मिलकर काम करते हैं ।कभी कभी रेस्टॉरेंट से मंगवा सकते हैं किन्तु हर दिन यह संभव नहीं जेब पर भारी पड़ता है।वे लोग ही यहां थोड़ा खुश रह सकते हैं,जो दोनों काम करते हैं।फिर घर की भी व्यवस्था करते हैं।
बाहर जाकर ग्रोसरी करना या दूसरे आइटम खरीदना मीलों दूर जाकर करना पड़ता है।गाहे बगाहे एक हरी मिर्च की भी जरूरत पड़ जाए तो
अमेरिकन ग्रोसरी स्टोर में कभी कभी आइटम्स की गिनती कंप्यूटर से खुद ही करनी पड़ती है और कार्ड से खुद ही पेमेंट करना पड़ता है।ग्रोसरी या दूसरा सामान उठाकर लिफाफों में भी खुद ही डालना पड़ता है। पेट्रोल जिसे यहां गैस कहते हैं,पम्प से कार में खुद ही भरना पड़ता है।
कार की धुलाई ,धुलाई सेन्टर में पहुंच कर भी खुद धोना पड़ता है।कंप्यूटर में कार्ड डालकर पेमेंट करना होता है।यहां भी कोई आदमी नही होता।जितना पानी व साबुन काम में लिया जाता है।उतना पेमेंट कंप्यूटर में वार्ड डालने से हो जाता है।
चेक पोस्ट पर या कार स्टैंड पर भी आदमी नहीं होता तो आप स्वयं ही पेमेंट करते हैं।
यहां सुविधाएं हैं तो भारतवर्ष की दृष्टि से असुविधाएं भी। –शुभ कामनाएं दोस्तों -पंकज गोस्वामी, माउंटेन व्यू,कैलिफ़ोर्निया
यू एस 23 सितंबर 2022