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Thar पोस्ट। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा मे कुछ कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति से राजनीति गरमा गई है। दो दिवसीय बाड़मेर-जैसलमेर दौरे को लेकर राजे बाड़मेर पहुंचीं। इस दौरान राजे समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिला और इस दौरे में वसुंधरा गुट के भाजपा नेताओं के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। पूर्व सीएम की रेगिस्तानी ज़िलों की यात्रा के दौरान समर्थकों में इस तरह का उत्साह देखकर लगा कि राजे का जलवा कायम है पिछले कुछ समय से वसुंधरा राजे गुट के माने जाने वाले नेताओं के उनसे कुछ दूरी बनाकर रखने बाद अचानक बाड़मेर दौरे के दौरान साथ खड़े रहना और पूरे कार्यक्रम के दौरान वसुंधरा राजे से चर्चा और देर शाम एक निजी होटल में मीटिंग में शामिल होना ये कहना गलत नहीं होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पश्चिमी इलाके में वसुंधरा राजे को नजरअंदाज करना भाजपा के लिए नुकसानदायक हो सकता है। शायद यही मैसेज भी राजे ने समर्थकों को जुटाकर देने की कोशिश बीजेपी नेतृत्व और जनता को दीराजे की सीएम गहलोत की सरकार बचाने में सहयोग की चर्चाओं को एक बार फिर हवा मिल गई है। बाड़मेर के समाजसेवी और भामाशाह तन सिंह चौहान के श्राद्ध कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के संबोधन के ठीक बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले और प्रदेश में राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और बाड़मेर से लगातार 3 बार से विधायक मेवाराम जैन ने अपने संबोधन से पहले वसुंधरा राजे के पैर छूकर एक बार फिर राजनीतिक गलियों में चर्चाएं तेज कर दीं। कांग्रेसी विधायक के भाषण के बाद पूर्व सीएम राजे ने कहा कि इसे समाचार पत्रों की हेडलाइन न बनाएं, क्योंकि यह चीज राजनीति से ऊपर है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मेवाराम जैन के वसुंधरा राजे के पैर छूने का मामला आसानी से कहां दबने वाला है।
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