मेहंदी कला यानि हिना आर्ट अब दुनिया के कई देशों में एक नया फैशन बनता जा रहा है। यूरोप के कई देशों की महिलाओं में इसके प्रति दीवानगी बढ़ी है। भारत में आने वाली अनेक विदेशी युवतियां अपने हाथों में मेहंदी लगवाती है। भारत में न केवल शादी समारोह में बल्कि अनेक मांगलिक अवसरों, तीज त्योहारों पर महिलाएं मेहंदी अपने हाथों और पैरों में लगाती है। भारत में मेहंदी की रस्म भी होती है। अनेक अवसरों पर यह श्रृंगार make-up का हिस्सा है।
भारतीय संस्कृति की पहचान
हाथों में मेहंदी लगाना भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। महिलाओं द्वारा हाथ-पैर में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। किसी पार्टी, त्योहार, शादी-विवाह तथा विशेष अवसरों पर भारतीय महिलाएं मेहंदी अवश्य रचती हैं। मेहंदी लगाना एक कला है। मेहंदी लगाने से जहां आपका आकर्षण और सौंदर्य बढ़ता है, वहीं आपके शरीर को ठंडक भी मिलती है। इसलिए हाथ-पैरों में मेहंदी लगाकर अपने सौंदर्य में इजाफा कीजिए। सही तरीके से कैसे लगाएं यह सीखना और जानना बहुत जरूरी है ।
यह माना जाता है कि भारत में मेहंदी का आगाज 12वीं शताब्दी में मुग़ल सल्तनत के आगमन के साथ हुआ. मुग़ल रानियां मेहंदी से अपने हाथों को सजाना पसंद करती थीं और साथ ही वो इसके औषधीय गुणों और ठंडी तासीर से भी वाकिफ थीं। बाद में अपनी अलग ख़ूबसूरती की वजह से मेहंदी को लगाना एक फैशन बन गया।
चॉन्द-सितारे हाथों पर
मेहंदी लगाना भी अपने आप में कला है। महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाने के दौरान अपनी कल्पना को साकार करती है। हाथों में चॉन्द, सितारे, फूल पत्तियां आदि बनाती है। कई स्थानों पर युवतियाँ अपने पति का नाम भी लिखती है। मेहंदी सूखने पर ये आकृतियां सुर्ख लाल हो जाती है।
भारत में मेहंदी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। बाज़ार में यह पाउडर और मेहंदी पेस्ट के रूप में बहुत ही कम कीमत पर मिलती है। हिना आर्ट का कारोबार अब करोड़ों रूपए का हो चुका है। भारत में अनेक युवा अब मेहंदी लगाने की कला में निपुण हो चुके है। ये प्रोफेशनल तरीके से ऑनलाइन बुकिंग लेते है और विभिन्न्न अवसरों पर पैसे लेकर मेहंदी लगाते है। मेहँदी से हज़ारों युवाओं को रोजगार भी मिला हुआ है।