


Thar पोस्ट न्यूज। भारत मे बने चिनाब पुल की ऊंचाई एफिल टावर से भी अधिक है। इसमे के माधवी लता की अहम भूमिका रही है. यह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु की एक प्रोफेसर है. IISc सिविल इंजीनियरिंग विभाग की रॉक इंजीनियरिंग विशेषज्ञ जी. माधवी लता ने चिनाब ब्रिज के निर्माण के लिए अपने जीवन के करीब 17 साल दिए हैं. लता ने चिनाब पुल के ठेकेदार अफकॉन्स के अनुरोध पर पुल के निर्माण कार्य का मार्गदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने पुल के ढलान को स्थिर करने और नींव रखने का नेतृत्व किया. माधवी लता ने पुल निर्माण के दौरान प्रोजेक्ट एडवाइजर के तौर पर कमान संभाला. शुरू में उनके साथ प्रोजेक्ट एडवाइजर के तौर पर IISc से एक और इंजीनियर थे, लेकिन कुछ सालों बाद उन्होंने प्रोजेक्ट छोड़ दिया, लेकिन लता ने साल 2022 तक पुल के निर्माण का काम पूरा होने तक अपनी जिम्मेदारी संभाली. चिनाब पुल को बनाने वाले इंजीनियरों का दावा है कि 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बना ये पुल एक सदी से भी अधिक समय तक चलेगा. यह पुल प्राकृतिक परिस्थितियों को झेलने में सक्षम रहेगा. नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना चिनाब पुल कटरा और काजीगुंड के बीच दो पहाड़ियों को जोड़ता है. जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है. ये ब्रिज एफिल टॉवर से भी ऊंचा है. वहीं, इस पुल को इस तरह से बनाया गया है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी झेल सकता है और -20 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को झेलने में सक्षम है।


