Thar पोस्ट। बीकानेर में कोरोना अब तेज़ी से अपना कुनबा बढ़ा रहा है। बीकानेर में ना तो मास्क पहनना अनिवार्य समझा जा रहा है और ना ही इस बारे में कोई पूछने वाला है। शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में कोरोना गाइड लाइन दूर तक दिखाई नही देती। कोरोना का वैरिएंट चाहे कोई भी हो लेकिन इसमें मास्क ही सबसे बड़ा हथियार है। साबुन से हाथ धोना और मास्क को प्रतिदिन धोना। चिकित्सकों के अनुसार ऐसा करना अनिवार्य है। लेकिन ऐसा नही हो रहा। शायद हम तीसरी लहर को बुला रहे है! बीकानेर में अन्य राज्यों से लोगों की आवाजाही जारी है। बीकानेर के लोग भी महानगरों में समारोह में शामिल होकर लौट रहे है क्या उनकी जांच हो रही है ? कोरोना को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। वैक्सीन की डबल डोज़ वालों को भी हो रहा है। यदि हम नही बदलेंगे तो फिर से लॉक डाउन जैसे प्रतिबंधों के लिए तैयार रहें। लहर खतरनाक है अथवा नही, लेकिन कोरोना वायरस तो खतरनाक है। चिकित्सक भी सावधान रहते है। अनेक चिकित्सकों की मौत भी हो चुकी। जानकारी में रहे कि दूसरी लहर ने भारत के आर्थिक हालात खराब कर दिए थे। अनेक लोग इस मुगालते में है कि वो सुरक्षित है उन्हें कुछ नही हुआ है लेकिन जरा सोचिए आपने पिछ्ले दो वर्षों में कितने अपने अज़ीज़ मित्रों और अपनों को खोया है। कोरोना कोई धर्म या जाति नही पूछ रहा। बीकानेर में अब प्रत्येक इलाके से रोगी मिल रहे है। इसका मतलब जाल बिछ चुका है। आज नए क्षेत्र लक्ष्मीविहार,करमीसर व कैलाशपुरी से पॉजिटिव आएं है। बीकानेर में अब संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। दो जनें पीबीएम अस्पताल में भर्ती है। ऐसा केवल कुछ ही दिनों में हुआ है। मास्क की आदत डालें और सावधान रहें।