


Thar पोस्ट न्यूज। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) की ओर से बुधवार को देश-विदेश में विश्व नवकार महामंत्र दिवस मनाया गया। बीकानेर के गंगाशहर के तेरापंथ भवन में नवकार महामंत्र दिवस पर एक ही समय सुबह आठ बजकर एक मिनट से सुबह नौ बजकर 36 मिनट तक हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने मंत्र का जाप किया।



नवकार दिवस पर 108 देशों व देश के 6000 हजारों स्थानों पर सामूहिक जाप किया गया।
जाप के दौरान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल्ली के विज्ञान भवन से सीधा प्रसारण सभी जाप केन्द्रों में किया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी विश्व नवकार महामंत्र दिवस पर संदेश संदेश दिया तथा प्रतिवर्ष 9 अप्रैल को विश्व नवकार महामंत्र दिवस मनाने की घोषणा की।
दिल्ली के विज्ञान भवन में जीतो की ओर से आयोजित विश्व नवकार दिवस पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य श्री रामलालजी महाराज की सुश्राविका बीकानेर की जैन भक्ति गीत गायिका श्रीमती अलका बैद डागा की अगुवाई में नवकार महामंत्र का जाप किया गया । जाप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश-विदेश के जैन, जैनेतर समाज के गणमान्य लोगों ने भागीदारी निभाई।
जीतो के बीकानेर चैप्टर के अध्यक्ष जयचंद लाल डागा व महासचिव पुनेश मुसरफ ने बताया कि बीकानेर में गंगाशहर के तेरापंथ भवन में विभिन्न धर्मों के धर्माचार्यों तथा जैन समाज के विभिन्न घटकों के श्रावक-श्राविकाओं ने हजारों की तदाद में हिस्सा लिया। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के श्रुत भास्कर, गच्छाधिपति विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी ने कहा कि नवकार महामंत्र के जाप की ताकत से सभी चिंता, रोग, दोष, पाप व ताप दूर होते है। यह मंत्र चिंतामणि महामंत्र कल्पवृक्ष के समान है।
इस महामंत्र को आत्मा भावना से जोड़ने से अनेक जन्मों के बंधन से मुक्ति मिलती है। यह जिन शासन का सार रूप है । ’’नवकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा’’। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ के श्रेयांस मुनि व कमल मुनि ने कहा कि जैन धर्म के सभी घटकों में नवकार महामंत्र के प्रति पूर्ण श्रद्धा व विश्वास है। इस विश्वास को अधिक बढ़ाना है तथा महामंगलकार नवकार महामंत्र की विशेषताओं को सर्वजनों तक पहुंचना है।
ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम, देवी कुंड सागर के अधिष्ठाता दाताश्री रामेश्वरा नंद महाराज ने कहा कि नवकार महामंत्र में न की बजाए ’’ण’ उपयोग करने से अधिक प्रभावी होगा।
जैन समाज को इस महामंगलकारी सर्वहितकारी महामंत्र के लिए गर्व करना चाहिए। गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी भाई तारा सिंह ने कहा कि मन, वचन व कर्म से इस महामंत्र का जाप करने से सर्व सिद्धि की प्राप्ति होती है। उन्होंने सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ ’’गुरुग्रंथ साहिब’’ में जैन समाज के अरिहंतों, सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों, साधुओं की वाणी व शब्दों के समावेश के बारे में बताया।
पूर्व में जीतो के बीकानेर चैप्टर अध्यक्ष जयचंद लाल डागा, महासचिव पुनेश मुसरफ, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के वरिष्ठ सदस्य बसंत नवलखा,विनोद बाफना, पदम दफ्तरी, महेन्द्र सुराणा, कृणाल कोचर,, विपुल कोठारी, महिला विंग से ममता रांका, भारती दफ्तरी,रजनी नाहटा भाजपा नेता मोहन सुराणा, यूथ विंग के दर्शन सांड विश्वास सुराणा, मुदित खजांची, मयंक सिपानी, व आमंत्रित विभिन्न धर्मों के प्रमुखों ने भगवान महावीर स्वामी के चित्र के आगे पुष्पांजलि दी।




