Thar पोस्ट न्यूज। गर्मी के मौसम में फलों के राजा आम की बहार रहती है, लेकिन शुगर के रोगी इसे खाने से डरते है। चिकित्सकों की माने तो आम खाना इस रोग में लाभप्रद है, लेकिन सीमित मात्रा में। जबकि मैंगोशेक पीना नुकसानदेह है। इन रोगियों को आम से बने जूस या शेक नहीं पीना चाहिए। यदि आप डायबिटिक हैं और आम खाते हैं तो जान लें आम का लो ग्लाइसेमिक लोड होता है। मतलब जब आप आम खाते हैं तो इससे तुरंत शुगर लेवल हाई नहीं होता है। आम में बहुत अधिक फाइबर होता है जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। आम विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन के, कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम जैसे मिनरल से भरपूर होता है। आम में एक बायोएक्टिव कंपाउंड पाया जाता है जिसे मैंगीफेरेन (Mangiferin) कहा जाता है। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। कई स्टडीज में ये तो ये भी पाया गया है कि आम पीपी शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। इसलिए शुगर के मरीज भी खा सकते हैं। जिन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से कम होता है उन्हें डायबिटीज में खा सकते हैं। आम का GI करीब 51 होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज भी आम खा सकते हैं। आम को पानी में भिगोकर कुछ घंटे बाद खाएं। जानकारी में रहे कि मधुमेह रोग में मानव निर्मित चीनी शुगर को बढ़ाती है। हरे अंगूर व गन्ना भी नुकसानदेह है। अधिकांश फलों से शुगर जल्दी नहीं बढ़ती।