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Screen Shot 2020 08 19 at 5.45.42 PM 85 आज व्यापारियों ने इस बात पर जताया रोष Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Tp न्यूज। व्यापारियों में रोष है। सूक्ष्म व लघु उद्योग के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ मेघवाल को लिखा पत्र।
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव विनोद गोयल ने सूक्ष्म व लघु उद्योग पापड़, भुजिया, बड़ी, रसगुल्ला इत्यादि रेडी टू इट केटेगरी उद्योग के खाद्य सुरक्षा अनुज्ञा पत्र (फूड लाईसेंस) 1 नवंबर से 2020 से दिल्ली से जारी करने प्रक्रिया को रूकवाने बाबत पत्र केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल को भिजवाया।पत्र में बताया गया कि एक तरफ तो कोरोना महामारी ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की कमर तोड़ रखी है वहीं दूसरी और केंद्र सरकार द्वारा इन उद्योगों को बंद होने के कगार पर धकेलने के लिए नए नए नियम निकाले जा रहे हैं बीकानेर का पापड़, भुजिया, बड़ी व रसगुल्ले के उद्योग सूक्ष्म व लघु उद्योग की श्रेणी में आते है और इन व्यवसाय से लगभग 80 हजार से 1 लाख तक श्रमिक इन उद्योगों से अपनी आजीविका चलाते हैं इस खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अंतर्गत जारी होने वाले खाद्य सुरक्षा अनुज्ञा पत्र (फूड लाईसेंस) FSSAI के FILE NO.-15(31)2020/FOSCOS/RCD/FSSAI के 12.10.2020 के आदेश के अंतर्गत बदलाव किया गया और यह क़ानून 1 नवंबर 2020 से लागू कर दिया जाएगा। इस क़ानून के तहत बीकानेर में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग में आने वाले पापड़ भुजिया रसगुल्ले (मिठाइयों) की केटेगरी के अंतर्गत आने वाले रेडी टू इट फूड को प्रोपाइटरी फूड के अंतर्गत सम्मिलित कर दिया गया है जिसका लाईसेंस FSSAI के दिल्ली कार्यालय द्वारा ही जारी किया जाएगा जो कि वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर विभाग द्वारा जारी किया जाता है जिससे बीकानेर में लघु एवं अति सुक्ष्म व्यवसाय के अंतर्गत बीकानेर के विभिन्न पापड़, भुजिया, रसगुल्ला जैसे रेडी टू इट केटेगरी के फ़ूड व्यवसाईयों के दिल्ली से लाइसेंस जारी करवाना एक कठिन चुनौती बन जायगी व उसका शुल्क भी 2.5 गुना लगेगा और दिल्ली से लाइसेंस जारी होने के कारण उद्यमी के लाइसेंस नंबर भी बदल जायेंगे और इन लघु उद्योगों के लाखों रूपये के पैकिंग मेटेरियल में पूर्व के अंकित लाइसेंस नंबर वाला पैकिंग मेटेरियल भी किसी काम का नहीं रह जाएगा साथ ही इस उद्योग से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे | वर्तमान में COVID -19 के चलते वैसे भी लघु उद्योग आर्थिक तंगी से जूझ रहें है और इन हालातों में ऐसे नियम लागू करने से व्यापारियों पर एक और भारी संकट उत्पन्न हो जायेगा


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