Thar पोस्ट, न्यूज। सवाल अब सभी के जेहन में है कि आखिर इससे क्या लाभ होंगे ? दरअसल, भारत अब अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर लैंड करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। भारत की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि आज से चार साल पहले चंद्रयान-2 से संपर्क कटने के बाद निराशा हाथ लगी, लेकिन वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी। चंद्रयान-3 का साइंस डेटा सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनियाभर के लिए वैज्ञानिकों के लिए होगा। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस डेटा का उपयोग कर पाएंगे। वे इससे नई चीजें डिस्कवर कर पाएंगे। इसलिए इसमें दुनियाभर के वैज्ञानिकों की रुचि है। देश को अंतरिक्ष विज्ञान में विकास की क्षमता हासिल होगी. इसके साथ वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में अपनी भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस समय 600 अरब डॉलर के कारोबार में भारत की भागीदारी महज दो फीसदी ही है। नई टेक्नोलॉजी तैयार की जाएगी: देश के विकास के लिए स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी जरूरी है. दरअसल, इसरो कम बजट में अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों को पूरा करने के लिए जाना जाता है. अन्य देशों के मुकाबले इन अभियानों पर हमारा खर्चा बहुत कम है हमें मिशन की सफलता को लेकर 23 या 24 अगस्त के दिन का इंतजार करना होगा. चंद्रमा पर लैंडिंग इन्हीं तारीखों पर होनी है. इसके अलावा…
देश में नए स्टार्टअप शुरू होंगे : भारत अब प्रौद्योगिकी विकास में निजी भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अधिक स्टार्टअप की गुंजाइश होगी. देश में कई नए स्टार्टअप स्थापित होंगे. इसके साथ हमारे पास जो स्टार्टअप हैं, उन्हें बेहतर फंडिंग मिलेगी. कई देश यहां पर मौजूद स्टार्टअप से कनेक्ट हो सकते हैं. तथा …
अर्थव्यवस्था को बड़ा उछाल मिलेगा : चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से अंतिरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलने वाला है. चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने में सफल रहा था, मगर कुछ समस्या की वजह से सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी. इसरो के पूर्व वैज्ञानिक के अनुसार, इन चार सालों हर पहलू पर काम किया गया है।