Tp न्यूज। आज जिला कलक्टर नमित मेहता ने उपखण्डवार सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सक्षम अधिकारी अपने स्तर पर आमजन से प्राप्त शिकायतों का समय पर निस्तारण करें। उन्होंने उपखण्ड, तहसीलदार, नगर निगम, नगर विकास न्यास, पानी-बिजली आदि विभागों से जुड़े प्रकरणों के बारे में जाना और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने विकास अधिकारी बज्जू द्वारा सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर कारण बताओं नोटिस करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, मुख्यकार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नरेन्द्र पाल सिंह, यूआईटी सचिव मेघराज सिंह मीना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।विद्युत प्रसारण निगम सहित बी के सी एल जब भी जिले में विद्युत कटौती करें, तो इसकी सूचना उपभोक्ता को 24 घंटे पूर्व दी जाए। जिन क्षेत्रों में विद्युत कटौती रखरखाव के लिए की जानी है ,विद्युत कटौती किए जाने से पूर्व जिला कलक्टर से अनुमति लेनी होगी।
मेहता ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कहा कि विद्युत कटौती से पहले यह बताना होगा, कि विभाग ने कब-कब रखरखाव के लिए कटौती की थी। इसकी पूरी रिपोर्ट के साथ कटौती के प्रस्ताव दिए जाए। साथ ही यह भी बताना होगा कि कितने घंटे की बिजली कटौती रहेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में बिना इजाजत के विद्युत कटौती नहीं की जाए।
जिला कलक्टर ने विद्युत विभाग से जुड़े दोनों अभियंताओं से कहा कि विद्युत कटौती का समय भी सुबह 7.00 से 10.00 के बीच में ही रखा जाए। वर्तमान में स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षण कार्य नहीं चल रहा है। ऐसे में सुबह के समय विद्युत कटौती की जाए। साथ ही उन्होंने विद्युत वितरण निगम के अभियंताओं को निर्देश दिए कि जलप्रदाय योजना को विद्युतीकृत करने के जो आवेदन प्रस्तुत किए हुए हैं, उन सबका निस्तारण कर दिया जाए। जलदाय विभाग की किसी स्कीम के कनेक्शन में विलंब नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि कनेक्शन वरीयता से मिलते रहे यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए। इसके लिए जो भी आवश्यक संसाधन की जरूरत हो वह विभाग से प्राप्त किए जाएं, अगर किसी तरह की कोई परेशानी हो तो अवगत करवाया जाए।
उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिले की सभी राजस्व ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य अगले दो दिनों में प्रारंभ कर दिए जाएं। उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंता से कहा कि जिले में जितने भी हैण्ड पम्प हैं वे सभी चालू स्थिति में रहे। साथ ही डिग्गियों की सफाई का कार्य भी नियमित रूप से होता रहे। ग्रामीण क्षेत्र में जनस्वास्थ्य विभाग की डिग्गी की चारदीवारी नहीं बनी हुई है, तो ऐसी डिग्गियों को चयनित करके सूचना दी जाए ताकि चारदीवारी निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने जलदाय अभियंता से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जितने भी पानी के अवैध कनेक्शन हैं, उन सब कनेक्शन के संबंध विच्छेद करते हुए, सूचना जिला मुख्यालय को प्रेषित की जाए।
सभी फव्वारे हो चालू स्थिति में रहे
मेहता ने नगर विकास न्यास के सचिव को निर्देश दिए कि जिला मुख्यालय पर जितने भी पानी के फव्वारे विभिन्न पार्कों में अथवा सार्वजनिक स्थानों पर लगे हुए हैं, वे सभी फव्वारे अगले दो दिनों में चालू इस स्थिति में रहने चाहिए। अगर कहीं कोई तकनीकी खराबी है तो उसे तत्काल ठीक किया जाए। साथ ही उन्होंने आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए कि रात्रिकालीन सफाई का कार्य का और विस्तार किया जाए तथा रात के समय जो सफाई कर्मी कार्य कर रहें हैं, इनकी ड्रेस कोड भी पृथक से होनी चाहिए तथा पहनने वाली जैकेट में रेडियम की भी सुविधा हो ताकि रात के समय वाहन की लाइट आदि में सफाई कर्मी बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई दे और किसी तरह की हादसे की संभावना न रहे। उन्होंने आरयूआईडीपी के अभियंताओं से भी कहा कि वे अपने निर्माण कार्यों में सुरक्षा के सभी बंदोबस्त रखें।
सड़क मरम्मत के प्रस्ताव बनाएं
जिला कलक्टर मेहता ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगर विकास न्यास एवं नगर निगम के अभियंताओं को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्र में आने वाली ऐसी सड़कें, जो वर्षा के कारण टूट गई है उन सबका सर्वे अगले 5 दिन में कर लें तथा सड़कों पर बीएमडब्ल्यू डालने का कार्य प्रारंभ कर दें। बरसात के बाद इस पर डामरीकरण भी कर लिया जाए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता से कहा कि जिले में जो विकास पथ बनने हैं, उन सभी की सूची बनाई जाए और संबंधित क्षेत्र के विधायक से विकास पथ बनाने से पूर्व बातचीत कर ली जाए, उनके प्रस्ताव भी विकास पथ बनाने में शामिल कर लिया जाए।
पात्र पालनहार ना रहे वंचित
जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग तथा सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और पालनहार योजना के लिए पात्र हैं, उन सभी को योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक इमदाद समय पर मिल जाए, यह सुनिश्चित की जाए। शाला प्रधान से यह सुनिश्चित करा लें कि जो भी पात्र छात्र है, उसके संपूर्ण दस्तावेज सत्यापित कर विकास अधिकारी तक पहुुचे हैं।