Tp न्यूज। जयपुर । बीकानेर-नागौर बेसिन में नए कुए खोदे जाएंगे। इस बाबत आज अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि ऑयल इंडिया वित्तीय वर्ष 2024-25 तक
बीकानेर-नागौर बेसिन मे 15 नए कुओं की खुदाई कर प्रदेश में खनिज तेल का उत्पादन 700 बैरल ऑयल प्रतिदिन तक पहुंचाएगी। अभी ऑयल इण्डिया द्वारा राजस्थान में 150
बैरल ऑयल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है जिसे ऑयल इण्डिया द्वारा इस साल के अंत तक 500 बैरल प्रतिदिन तक पहुंचाना प्रस्तावित
है। उन्होंने बताया कि बीकानेर-नागौर बेसिन में ऑयल इण्डिया का सेस्मिक सर्वे का कार्य भी जारी है। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने ऑयल इण्डिया
के अधिकारियों को खोज और उत्पादन कार्यों मंा तेजी लाने को कहा ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस
और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके, विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही प्रदेश में भी राजस्व
की बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने गैस और ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के सभी संभावित उपायों व तकनीक की विस्तार से जानकारी ली।
डॉ. अग्रवाल बुधवार को सचिवालय
में ऑयल इण्डिया के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भण्डार है और
राज्य में चार पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हए हैं।
बाड़मेर-सांचोर बेसिन, जैसलमेर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर,श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरु व विंध्यान
बेसिन में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़,
भीलवाड़ा और चित्तौडगढ़ जिले का कुछ हिस्सा शामिल है।उन्होंने बताया कि ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए समूचे देश में सबसे पहले
राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस साइक्लिंग स्टिंग स्टिमोलेशन) का
सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। ऑयल इण्डिया के जैसलमेर बेसिन में 49 कुएं है। करीब सात लाख घनमीटर गैस रामगढ़ विद्युत
पलांट को उपलध कराई जा रही है। बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में 7 कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है। ऑयल
इण्डिया के राजस्थान फील्ड के अधिशाषी निदेशक विजय कुमार साहू ने बताया कि जैसलमेर में 49 कुओं की खुदाई की गई है जिनमें से वर्तमान में करीब 17-18 कुओं से
.7 मिलियन मेट्रिक स्टेण्डर्ड यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा
है। इसी तरह से 150 बैरल ऑयल प्रतिदिन का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान
में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। साहू
ने बताया कि ऑयल इण्डिया द्वारा करीब 18 से 19 करोड़ रु. सालाना का राजस्व राज्य सरकार
को दिया जा रहा है।