बीकानेर शहर अपने पुराने इतिहास को समेटे हुए हैं। किसी जमाने में इसे ऊंटों वाला देश भी कहा जाता था। आप इस अलबेले शहर के भीतरी परकोटे में भ्रमण के लिए निकलेंगे तो आपकों ऐसा अहसास होगा कि यहां एक नई दुनिया है। यहां कहीं लकड़ी के बने पाटे हैं जहां लोग आपस में घंटों तक बातों में मशगूल रहते हैं कहीं व्यक्ति आपको चूड़ी बनाने में भी मशगूल दिखेगा। राजनीति, देश, प्रदेश, घर, समाज सभी मुद्दों पर चर्चा करते लोग यहां मिल जाते हैं। हालांकि वर्तमान में कोरोना के चलते पाटे खाली पड़े हैं। यहां जितने चौक-मोहल्ले है उतने ही पाटे हैं। किसी चौक में एक से अधिक पाटे भी है। न केवल पुरुष बल्कि यहां महिलाएं भी पीछे नहीं है। सभी सामाजिक गतिविधियों में आगे रहती है। सांझ ढलने पर यहां पुरानी गलियों में बनी चौकियों पर महिलाएं आपस में बतियाती मिल जाएगी। इन दिनों कोरोना की मार का असर इस लाइव म्युजियम बीकानेर पर भी पड़ा है। बीकानेर में जिला प्रशासन की सख्ती से, तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के चलते लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हैं विस्तार से पढ़ें https://www.tourisminrajasthan.com