Tp न्यूज़, बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने रीको प्रबंधक को निर्देश दिए है कि औद्योगिक इकाइयों का कचरा निस्तारण के लिए स्थान चिन्हित कर, डंपिंग यार्ड उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि स्थान चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि इसके आसपास जो लोग रहते हैं उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो।
मेहता ने कहा कि क्षेत्रीय प्रबंधक रीको इस बारे में खनिज अभियंता से भी व्यक्तिगत रूप से संपर्क स्थापित करें। साथ ही औद्योगिक इकाइयों के आसपास अगर कोई पुरानी बंद खान हो तो उसे भी डंपिंग यार्ड के रूप में क्रियाशील करवाने की कार्यवाही अमल में लाए।
मेहता बुधवार को जिला उद्योग केंद्र की ओर से विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र के तहत गठित जिला स्तरीय समिति तथा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय संवीक्षा समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि डंपिंग यार्ड बनाने हेतु गंगानगर रोड पर कोई राजकीय भूमि चिन्हित करने की संभावना तलाशी जाए। साथ ही जिले के तीनों औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास अगर कोई बंद खान हो तो वहां भी डंपिंग यार्ड के रूप में कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। उन्होंने नगर विकास न्यास के अधीक्षण अभियन्ता संजय माथुर को निर्देश दिए की रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र घड़सीसर के पास सड़क का पेचवर्क होना है, यह कार्य फरवरी माह के अंत तक पूरा कर लिया जाए ताकि यहां यातायात सुगम हो सके। उन्होंने न्यास अभियंता को निर्देश दिए कि पानी की लाइन टूटने एवं सड़क पर घरों से पानी आने से क्षतिग्रस्त हुई सड़क को ठीक करवाए। आसपास के लोगों को समझाइश करेे कि पानी सड़क पर ना आए, इसके लिए नाली का ही इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया द्वारा रोड के पैच वर्क का कार्य करवाने पर कहा कि शीघ्र ही पेचवर्क का कार्य पूरा होना चाहिए। न्यास द्वारा बनाई हुई नालियों में अगर कहीं मरम्मत की जरूरत हो तो वह भी ठीक करवाई जाए।
जिला कलक्टर मेहता ने रीको और उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि करणी और बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र में वेस्ट वाटर के उपयोग के लिए एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू ककी । साथ ही क्षेत्र में जितनी भी औद्योगिक इकाइयां हैं वे सभी इकाइयां इस योजना से जुड़े इसके लिए दोनों विभाग आपस में समन्वय कर सूची बना ले।
बैठक में राजस्थान वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने बताया कि इस कार्य के लिए एमडी रीको से बातचीत हो गई है और इस कार्य की डीपीआर तैयार कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बाबत 2 दिन पूर्व ही एमडी रीको से एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जयपुर में बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने इस कार्य पर सैद्धांतिक रूप से अपनी स्वीकृति भी प्रदान की है।
जिला कलक्टर ने बताया कि खारा औद्योगिक क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही रानी बाजार और करणी इंडस्ट्रियल एरिया सहित तीनों औद्योगिक क्षेत्रों में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत रीको द्वारा एक निश्चित धनराशि नगर निगम को उपलब्ध करवाएगा ताकि नगर निगम के माध्यम से इन क्षेत्रों में साफ-सफाई बेहतर तरीके से करवाई हो सके। उन्होंने बताया कि ड्राई पोर्ट की स्थापना के लिए संभागीय आयुक्त के माध्यम से एक पत्र लिखा जाएगा,जिसमें बीकानेर में ड्राई पोर्ट की आवश्यकता आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायेगी।
छोटे औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएं
जिला कलक्टर ने रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक को निर्देश दिए कि जिले के नोखा, नापासर, लूणकरणसर एवं दंतोर क्षेत्र में छोटे औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की दिशा में भी कार्य किया जाए। इन सभी स्थानों पर औद्योगिक एरिया विकसित करने के लिए 30 दिन में संपूर्ण प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किए जाएं। साथ ही विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को राज कौशल के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया जाए तथा चर्चा कर यह निर्णय लिया जाए कि इन औद्योगिक क्षेत्रों में किस तरह के कोर्स यहां प्रारंभ हो, जिससे बीकानेर के उद्यमी युवाओं को अपनी औद्योगिक इकाइयों में रोजगार दे सकें।
स्थानीय इकाइयों को फ्लाईऐश मिलेगा प्राथमिकता से
बैठक में बताया गया कि पावर प्लांट पर फ्लाईऐश उत्पन्न होती है, यह वर्तमान में अधिक मात्रा में बाहर के औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधकों को दी जा रही है, इस पर जिला कलक्टर ने महाप्रबंधक उद्योग मंजू नैण गोदारा को निर्देश दिए कि पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाईऐश का वितरण इस तरह से करे कि जिसके तहत स्थानीय स्तर पर जो जिन उद्योग इकाइयों को जरूरत हो उन्हें अधिक मात्रा में उपलब्ध हो और बाहर के औद्योगिक इकाइयों को उसके बाद मिले, इसका संपूर्ण नोट बनाकर अगले 15 दिन में प्रस्तुत किया जाए।
जिला कलक्टर ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अभियंताओं को निर्देश दिए कि रीको औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन देने से पहले रीको से एनओसी मिलने के बाद ही किसी व्यक्ति अथवा संस्था को विद्युत कनेक्शन दिया जाए।
यह रहे मौजूद
आयुक्त नगर निगम ए.एच.गौरी, उपनिदेशक कृषि विभाग मुकेश कुमार गहलोत, उप निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विकास हर्ष, नगर विकास के अधीक्षण अभियंता संजय माथुर, ए.डी.आई सुरेन्द्र कुमार, आर.एस.एल.डी.सी. के अविकाल, जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता अशोक गोयल, खनिज विभाग के अभियंता आरएस बलारा, रीको के अनूप कुमार सक्सेना, आरपीसीबी के जेएसओ दारासिंह, इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के राकेश कुमार गुप्ता, एनआईसी के अनिल चैहान आदि अधिकारी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त उद्यमी रमेश कुमार अग्रवाल, कमल बोथरा, गोपीकिशन गहलोत, कुन्दल मल बोहरा, आशाराम जोशी, मुकेश सिंह, जुगल राठी, वीरेन्द्र कुमार किराडू, तपन कुमार, सुन्दर जोशी, महेश कोठारी, परविन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।
ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम में गांधी जी के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता पर हुई चर्चा ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम के तीसरे दिन गांधी के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता, उनकी विचारधारा के आधारभूत तत्त्वों , उनकी सत्य की अवधारणा , सत्याग्रह के प्रयोग , राष्ट्रवाद -अन्तर्राष्ट्रवाद के मूल तत्त्वों , स्वराज आदि पर विश्लेषणात्मक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, राजस्थान, जयपुर की पहल पर राजकीय डूंगर महाविद्यालय , बीकानेर के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 6 फरवरी तक ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।इस दौरान प्रोफेसर अनिल दत्त मिश्रा प्रोफेसर(रिटा.), राजर्षि टंडन खुला वि. वि इलाहाबाद ने कहा कि गांधी जी के विचारों को आज के संदर्भ में पुनः परिभाषित करते हुए उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ शशि वर्मा , सह -आचार्य राजकीय एम एस कॉलेज , बीकानेर द्वारा भारत -चीन संबंधों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने तिब्बत समस्या , सीमा विवाद , दलाई लामा की स्थिति , डोकलाम विवाद , सड़क -निर्माण विवाद आदि की वर्तमान स्थिति एवं उनके युक्तियुक्त समाधान पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में डॉ मैना निर्वाण सह- आचार्य राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर द्वारा नई विश्व -व्यवस्था के समसामयिक पहलुओं पर व्याख्यान दिया । इन्होंने यू. एन.ओ. की स्थापना , महासभा , शांति के लिए एकता प्रस्ताव आदि मुद्दों पर प्रकाश डाला । आई एम एफ , विश्व बैंक की वर्तमान प्रणाली उनके दुष्प्रभावों , विकासशील राष्ट्रों की इन वैश्विक संस्थाओं से सहयोग , आदि पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम डॉ नरेंद्र नाथ एवं डॉ बबिता जैन के वेलकम नोट से शुरू हुआ।कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता गोयल ने किया। तकनीकी सहयोग डॉ. सुरेश वर्मा, सहायक आचार्य रसायन शास्त्र ने दिया। कार्यक्रम के अंत में आयोजन सचिव संदीप कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।तृतीय दिन के सत्रों में कुल 49 प्रतिभागियों के साथ साथ अन्य प्रतिष्ठित प्रोफेसर महानुभावों ने भी भाग लिया।