Thar पोस्ट न्यूज। दुनिया के देशों में मंकी पॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली के अलावा राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने भी राज्य में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसके कुछ मामले रिपोर्ट किए गए हैं। लेकिन यह विश्व मे तेज़ी फैल रहा है इसे लेकर अनेक देश सतर्कता के साथ कार्रवाई कर रहे हैं।
भारत मे इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही है। राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल (एसएमएस अस्पताल) के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार मंकी पॉक्स एक वायरस से उत्पन्न होने वाली बीमारी है, जिसे मंकी पॉक्स वायरस कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण हर्पीज और चिकन पॉक्स से मिलते-जुलते हैं और इसे एम पॉक्स के नाम से भी जाना जाता है।
मंकी पॉक्स के लक्षणों में बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर मटर के दाने जितने बड़े दर्दनाक दाने निकल आते हैं। इसके साथ ही तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। कुछ मामलों में इस बीमारी से मृत्यु का भी खतरा हो सकता है। संक्रमित होने के लगभग तीन सप्ताह बाद इस बीमारी के लक्षण प्रकट होते हैं।
ऐसे करें बचाव वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, मंकी पॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसके अलावा, जानवरों का शिकार करते समय, उनकी खाल उतारते या उन्हें पकाते समय, या संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है। बचाव के उपायों में सबसे महत्वपूर्ण है कि वायरस से ग्रसित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। इस बीमारी की पहचान आरटी-पीसीआर टेस्ट के माध्यम से की जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे तुरंत आइसोलेट करना चाहिए और त्वचा को सूखा और खुला रखना चाहिए। जितनी जल्दी हो, चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।