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IMG 20201202 WA0070 व्हाट्सएप्प से 14वें मिनट पहुंच गया प्लाज्मा Bikaner Local News Portal जोधपुर, बीकानेर अपडेट
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कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती मरीज बोले, भगवान बन कर आए डाॅक्टर, स्वस्थ होना पुर्नजन्म जैसा’

Tp न्यूज़। कोरोना पीड़ित की जुबानी। मेरे बड़े भाई की तबीयत बिगड़ रही थी। डाॅक्टर्स ने प्लाज्मा थैरेपी की जरूरत बताई। समय कम था, सो संबंधित डाॅक्टर को पर्ची व्हाट्सएप्प पर ही भेज दी। बड़ा आश्चर्य हुआ, दो मिनट में ‘ओके’ और चौदहवें मिनट कोविड हाॅस्पिटल में प्लाज्मा पहुंच गया। समय पर प्लाज्मा चढ़ गया और आज मेरे भाई पूर्णतया स्वस्थ हैं। इतनी त्वरित कार्यवाही पहली बार देखी। मैं और मेरा पूरा परिवार जिला प्रशासन और चिकित्सकों के आभारी हैं। सभी का स्वस्थ होकर घर लौटना मानो पुर्नजन्म जैसा है।’
यह कहना है जोशीवाड़ा में रहने वाले हरिनारायण आचार्य का। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के 13 जने एक-एक कर कोरोना पाॅजिटिव होते रहे। सभी की तबीयत थोड़ी-थोड़ी नासाज थी, लेकिन उनके बड़े भाई नरेन्द्र आचार्य का एचआरसीटी स्कोर भी हाई था और आॅक्सीजन लेवल गिर रहा था। ऐसे समय में चिकित्सकों की बेहतर देखभाल के कारण भाईसाहब स्वस्थ हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पताल का खाना, सफाई सहित समस्त व्यवस्थाएं तो अच्छी थी हीं, लेकिन डाॅक्टर्स का समर्पण अकल्पनीय था।
खुद नरेन्द्र आचार्य कहते हैं कि उन्होंने सुना था कि चिकित्सक, भगवान का अवतार होते हैं। लेकिन पहली बार यह प्रत्यक्ष देखा। चिकित्सक दिन में तीन-तीन बार आते। रात को ढाई बजे भी दवाइयों की जरूरत पड़ी, तो मिली। प्लाज्मा की त्वरित व्यवस्था हुई। ढाई घंटे डाॅक्टर उनके पास खड़े रहे।
उनके पुत्र अक्षय आचार्य ने कहा कि जब पिता की तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्होंने पीबीएम की बजाय किसी बड़े निजी अस्पताल में शिफ्ट करने की जिद्द की, लेकिन परिवार के बड़ों के आगे नहीं चली। लेकिन जब उनके पिता पूर्णतया स्वस्थ हो गए तो उन्हें महसूस हुआ कि उनकी जिद्द गलत थी। अक्षय ने बताया कि वहां के डाॅक्टर काउंसलिंग भी करते और प्रयास करते कि कोई बेवजह नहीं डरे।
उनके परिवार के सभी सदस्यों ने जिला कलक्टर की प्रभावी माॅनिटरिंग और डाॅक्टरों के समर्पण की सराहना की तथा कहा कि उन्हें अपने पीबीएम अस्पताल के चिकित्सकों पर गर्व है। उनकी वजह से सभी लोग स्वस्थ होकर लौट सके हैं।


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