Thar पोस्ट। हिंदी सिनेमा में अपना मुकाम हासिल करने वाले गुलशन ग्रोवर का बीकानेर अनेक बार आना हुआ। संयोग यह रहा कि बतौर पत्रकार हमेशा उनसे मेरी मुलाकात हुई। नई फिल्म अनामिका, सौतन और मैं कलाम हूँ आदि फिल्मों की शूटिंग के सिलसिले में वो बीकानेर आये। बातों हो बातों में उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो आने वाले बदलते परिवेश में होने वाला था। गुलशन ग्रोवर की जुबानी- देखिए मिस्टर एक दौर ऐसा भी था जब हम कोई भी कार्य करते थे तो घर-परिवार, समाज आदि को ध्यान में रखना पड़ता था। यह सब फिल्मों में आने के बाद में भी था कि –यार लोग क्या कहेंगे कुछ तो ध्यान में रखो? यह वाक्य हमारा पीछा नहीं छोड़ता था। हम लोग डरते थे या आप इसे ऐसे कह सकते है कि बड़े बुजुर्ग क्या कहेंगे उनका ध्यान रखना पड़ता था। लेकिन अब दौर उल्टा है। किसी की, किसी को परवाह नहीं है अब तो यह वाक्य चल पड़ा है कि – लोग क्या कर लेंगे? सब चलता है। समाज में स्वीकारोक्ति बढ़ती जा रही है।