Thar पोस्ट। ऑस्ट्रेलिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सख्त और कड़े कानून बनाये जाने की तैयारी चल रही है. इन कानूनों के तहत डीप फेक और दिखने में असली लेकिन फर्जी सामग्री बनाने वाली तकनीकों पर प्रतिबंध लगाना भी संभव है।दुनियाभर में एआई को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं और तकनीक की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोग, मसलन ट्विटर के मालिक इलॉन मस्क और गूगल के सीईओ तक एआई को लेकर चेतावनी दे रहे हैं, ऐसे में सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुष्प्रभावों से लोगों को बचाया जाए जबकि इसके तकनीकी विकास का लाभ भी मिलता रहे. यूरोपीय संघ और अमेरिका के अधिकारियों ने कहा कि वे जल्दी ही एक कोड ऑफ कंडक्ट जारी करेंगे. स्वीडन में ईयू नेताओं के साथ बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि पश्चिमी देश इस संबंध में कदम उठाने की आपातकालीन जरूरत को समझ रहे हैं और एक जैसी सोच वाले देश मिलकर काम करना चाहते हैं। लोगों का मानना है AI आने वाले समय में खतरनाक हो सकता है. वहीं इसका गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है. एलन मस्क, एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वोजनियाक समेत कई दिग्गजों ने एडवांस AI पर रोक लगाने की मांग की है. इनका कहना है कि AI को लेकर कड़े प्रोटोकॉल बनाए जाने चाहिए. वहीं Joe Biden ने भी AI को लेकर चिंता जताई है. AI से इंसानों को किस तरीके का खतरा है? 5 बड़े नुकसानों के बारे में बता रहे हैं, जो आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की वजह से हो सकते हैं. AI चैटबॉट काफी कम समय में आपको किसी टॉपिक के बारे में लंबी चौड़ी डिटेल बता देते हैं. इंसानों के मुकाबले इस काम में एआई की स्पीड बहुत तेज होती है. AI का ये फीचर दुनियाभर में चल रही फेक न्यूज, गलत जानकारी जैसे मामलों में खतरनाक हो सकता है. हैकर्स इसका फायदा उठाकर गलत जानकारी फैला सकते हैं. इसका सबसे ज्यादा बुरा असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा.इसके अलावा कुछ AI प्लेटफॉर्म फोटो और वीडियो भी जनरेट सकते हैं. फेक न्यूज फैलाने के लिए इनका काफी शातिर तरीके से इस्तेमाल हो सकता है। एआई की वजह से जो अगली समस्या आएगी, वो है बेरोजगारी. भारत के कई टीवी चैनलों, ऑनलाइन वेब पोर्टल व कंपनियों में स्मार्ट वर्क के लिए AI का इस्तेमाल शुरू हो चुका है. इसके नतीजन कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनियां कर सकती हैं. फिलहाल डेटा एंट्री, बुक-कीपर, ट्रांसलेटर, कस्टमर केयर, कॉपी राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजर्स की नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक AI लगभग 300 मिलियन लोगों की नौकरी हड़प सकता है.2020 की रिपोर्ट में साइबर सिक्योरिटी के लिए AI से मदद लेने की बात कही गई थी. इसमें कहा गया कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस इंसानों के मुकाबले तेजी से बड़े खतरों का पता लगा सकता है. इस हिसाब से एआई इंसानों की सिक्योरिटी के बारे में खुद समझेगा और इसे कंट्रोल करने के तरीके भी खुद ही ढूंढेगा. AI पर इस कदर निर्भर होना भी मुश्किलें ला सकता है.बता दें सिक्योरिटी के डर की वजह से इटली ने ChatGPT को बैन कर दिया है. इसके बाद अब जर्मनी भी AI चैटबॉट को बैन करने की तैयारी में है।
कुछ दिनों पहले AI की बग के कारण ChatGPT की सर्च हिस्ट्री लीक हो गई थी. इस तरह का खतरा आगे भी बना रहेगा. कंपनियों के पास यूजर्स का ढेर सारा डेटा होता है. ऐसे में AI यूजर्स के पैटर्न को कॉपी करने और विज्ञापनों के लिए डेटा का गलत इस्तेमाल करके उनका नकली प्रोफाइल भी बना सकता है. अब जरा सोचिए यह आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है.
आज के समय में मिलिट्री में इस्तेमाल होने वाली कई मशीनें जैसे- मिसाइलों, ड्रोन को AI से कंट्रोल किया जाता है. फिलहाल एआई को दी जाने वाली कमांड फिक्स हैं, लेकिन आने वाले समय में इसकी क्षमताएं बढेंगी. नई टेक्नोलॉजी के साथ अगले कुछ सालों में इंसानों की कमांड के बिना ही AI फैसले ले सकेगा. इससे दिक्कतें बढ़ सकती हैं।