Thar पोस्ट। उसकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब थे। खूबसूरत अदाकारा गुमनामी के पन्नों में खो गईं और कभी वापस ना लौट सकीं। अंत इतना दुखांत की सुनकर ही रौंगटे खड़े हो जाये। एक शादीशुदा लड़की और दो बच्चों की मां किस तरह से रातों-रात बन गई बॉलीवुड की सुपरस्टार. एक समय ऐसा भी था, जब विमी बॉलीवुड की डिमांडिंग हिरोइनों में से एक थीं. विमी ने उस समय के सुपरस्टार सुनील दत्त, शशि कपूर और राज कुमार के साथ काम किया। विमी के लिए ये स्टारडम सिर्फ चार दिन की चांदनी बनकर आया और चला गया. बी आर चोपड़ा की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म हमराज़ सुपर डुपर हिट साबित हुई. इस फिल्म में विमी के अपोजिट थे उस समय के सुपरस्टार सुनील दत्त, राज कुमार और बलराज साहनी. इस फिल्म के सभी गाने सुपरहिट रहे. इस फिल्म को नेशनल बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड भी मिला.फिल्म हमराज के लिए बीआर चोपड़ा प्लानिंग कर रहे थे, एक ऐसे नए चेहरे की, जो बिल्कुल यूनीक और दिलकश हो. दरअसल, चोपड़ा साहब किसी न्यू कमर को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने कई लड़कियों के ऑडिशंस भी लिए, लेकिन बात नहीं बनी. उनकी ये तलाश आकर विमी पर खत्म हुई. संगीतकार रवि ने चोपड़ा साहब को विमी के बारे में बताया. हैरानी की बात तो ये है कि विमी से मिलने के बाद वो एक ही नजर में चोपड़ा साहब को अपनी फिल्म के रोल के लिए समझ में आ गईं. उन्होंने बिना किसी देरी के विमी को फिल्म हमराज के लिए साइन कर लिया. फिल्म हमराज विमी के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई और वो रातोंरात सुपरस्टार बन गईं.हमराज से विमी ने जितनी तेजी से एक ही दिन में स्टारडम हासिल किया, उतनी ही तेजी से उन्हें डाउनफॉल का सामना करना पड़ा. यूं कह सकते हैं कि विमी एक ही फिल्म के लिए बॉलीवुड में आईं और फिर हमेशा के लिए गुमनामी के अंधेरों में गुम हो गईं. ऐसा नहीं है कि उन्होंने फिल्म हमराज के बाद काम नहीं किया. दरअसल, फिल्म हमराज के बाद उन्होंने तीन और फिल्में कीं, जिनमें आबरू, वचन और पतंगा शामिल थी. लेकिन अफसोस की बात ये कि सभी फिल्में विमी के करियर के लिए डाउनफॉल ही साबित हुई. फिल्म आबरू में उनके साथ न्यू कमर दीपक कुमार थे, मगर यह फिल्म नहीं चली. इसके बाद विमी ने दो फिल्में शशि कपूर के साथ भी कीं, एक थी पतंगा और दूसरी थी वचन. ये दोनों फिल्में भी बाक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाईं.विमी का डाउनफॉल चल रहा था तो उसी दौरान विमी अपने पति शिव अग्रवाल से अलग हो गईं. शिव कलकत्ता के बिजनेसमैन थे. अपने पति शिव से अलग होने के बाद विमी जॉली नाम के शख्स के साथ रहने लगी. कहा जाता है कि जॉली एक ब्रोकर थे. अपने पति को छोड़कर जॉली के साथ रहना उनकी सबसे बड़ी भूल थी.1943 में पंजाबी परिवार में जन्मी विमी सिर्फ 34 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गईं. आलम तो ये था कि उनकी मौत के समय उनके पास उनका कोई अपना नहीं था, ना ही पति और ना ही बच्चे. विमी की मौत की खबर किसी अखबार में आना तो दूर की बात बल्कि उनके रिश्तेदारों तक उनकी मौत की खबर तक ना पहुंची. उनके मृत शरीर को एक ठेले पर ले जाया गया था।