Tp न्यूज। भारत में कोरोना से पुरुष अधिक मर रहे हैं। कोरोना का जहर पुरुषों के लिए ज्यादा मारक साबित हो रहा है। अभी तक कोरोना से मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा है। दूसरी गंभीर बीमारियों के ग्रसित लोगों में कोरोना संक्रमित होने के बाद मृत्यु दर सबसे अधिक है। देश में कोरोना के कारण मृत्यु दर 1.53 फीसद तक सिमट गई है, लेकिन दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के मामले में यह 17.9 फीसद है। देश में कोरोना के ताजा हालात की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोरोना के मरने वालों में 70 फीसद पुरुष और 30 फीसद महिलाएं हैं। यदि पुरूष और महिलाएं बराबर संख्या में संक्रमित हो रहे हैं और मरने वालों में पुरुषों का अनुपात बहुत ज्यादा है, तो इसकी असली वैज्ञानिक कारण की पड़ताल जरूरी है। उम्र के साथ कोरोना के कारण होने वाली मौत का रिश्ता साफ हो गया है। बुजुर्गो में कोरोना के कारण मृत्युदर उच्च स्तर पर बनी हुई है। 60 से अधिक उम्र के कोरोना के पीडि़त मरीजों की मृत्युदर 53 फीसद है। जबकि 45 से 60 साल की उम्र के लोगों में यह 35 फीसद और 26 से 44 साल के लोगों में 10 फीसद है। लेकिन कोरोना के कारण हो17 से कम और 18 से 25 साल के बीच के युवाओं की मृत्युदर एक-एक फीसद ही है। महिलाओं और पुरुषों की तरह स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह साफ नहीं किया है कि कोरोना से संक्रमित होने वालों में इन सभी आयुवर्ग के लोगों का अनुपात कितना है। 60 साल से अधिक उम्र के सामान्य लोगों में कोरोना संक्रमित होने पर 4.8 फीसद मौतें देखी गई हैं, लेकिन गंभीर बीमारी से पहले ग्रसित होने की स्थिति में यह आंकड़ा लगभग पांच गुना ज्यादा 24.6 फीसद है। इसी तरह 45 से 60 साल और 45 साल से कम उम्र के सामान्य लोगों में कोरोना के कारण मृत्युदर क्रमश 1.5 फीसद और 0.2 फीसद है, लेकिन गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर यह बढ़ कर 13.9 फीसद और 8.8 फीसद पहुंच गया है।