


Thar पोस्ट, न्यूज बीकानेर/कोलकाता। राजस्थान फाउंडेशन, अग्र बंधू और पश्चिम बंगाल का राजस्थान सूचना केंद्र शीघ्र ही प्रख्यात ज्योतिष विशारद और वास्तु आचार्य श्वेता चांडक के सानिध्य में एक सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सहायक निदेशक हिंगलाजदान रतनू ने वर्चुअल बताया कि सेमीनार में प्राचीन भारतीय लोक व्यवहार के ज्योतिषीय कारणों पर वैज्ञानिकता के साथ चर्चा होगी। सूचना केेंद्र के कोलकाता सांस्कृति प्रकोष्ठ के कोर्डिनेटर कैलाश कुमार भट्ट ने बताया कि इस अवसर पर रतनू ने श्वेता चांडक का स्वागत किया। रतनू ने अपने उद्बोधन में कहा कि रोज सुबह उठकर धरती को प्रणाम करना या सूरज को अघ्र्य देना भले हमारे लोकाचरण का हिस्सा हो, इसे अंध विश्वास या दकियानूसी आडंबर कतई नही माना जा सकता। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। उन्होंने कहा कि भारत एक समय में सम्पूर्ण विश्व के ज्ञान का केंद्र हुआ करता था। हमने अपने ज्ञान को ताम्रपत्रों और शिलालेखों में तो सहेजाए पर जनसामान्य के लोकाचरण में भी उतारा। इस पर अध्ययन करने के बजाए इसे आडंबर कहकर प्रगतिशीलता के नाम पर इसका विरोध करना उचित नही है।



