Thar पोस्ट, न्यूज बीकानेर। पर्यटन पर कोरोना की सर्वाधिक मार पड़ी। देखते ही देखते अनेक नामचीन होटल व कारोबारी एक झटके में नीचे आ गिरे। यहां तक कि अनेक पर्यटन व्यवसायियों को मन छोटा कर दूसरे कार्य करने पड़े। कोरोना की मार के दो साल बाद फिर से पर्यटन शुरू हो रहा है। हालांकि सिंतबर में ही इसकी शुरुआत हो गई। लेकिन अक्टूबर से देशी विदेशी सैलानियों की बुकिंग बताई जा रही है। इसकी पुष्टि होटल, गेस्ट हाउस संचालक, ट्रेवल एजेंट्स व गाइड ने की है। इनका यह भी कहना है कि पर्यटन की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन पर्यटन बूम की स्थिति नहीं बनेगी। वर्तमान में पर्यटक उदयपुर, जयपुर, आगरा व दिल्ली, गोवा की ओर मूव कर रहे है। राजस्थान के पुष्कर के अलावा जैसलमेर, जोधपुर , बीकानेर व मंडावा की ओर सैलानियों के रुख कम हो रहा है। जहाँ तक विदेशी पर्यटकों की बात है तो वो शार्ट रूट को प्राथमिकता को महत्व दे रहे है। इसके चलते आगरा, उदयपुर व जयपुर भ्रमण की ओर जा रहे हैं। इसकी वजह कोरोना, युद्ध तथा आर्थिक हालात को भी माना जा रहा है।
नवरात्रा से बदलेगी तस्वीर ? बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान में नवरात्र से तस्वीर बदलेगी। इसकी वजह है पर्यटन विभाग के अनेक आयोजन। केवल बीकानेर की बात करें तो यहां नवंबर में बीकानेर फेस्टिवल आयोजित होगा। यूनेस्को द्वारा इसका आयोजन होना है। इसके अलावा जोधपुर में उत्सव तथा पुष्कर में पशु मेला है। इसमे बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। इसके बाद नववर्ष को यादगार बनाने के लिए भी अनेक सैलानी पश्चिम राजस्थान आते हैं। जनवरी में बीकानेर में कैमल फेस्टिवल तथा फरवरी में जैसलमेर में डेजर्ट फेस्टिवल का आयोजन होता है। बाद में होली के अनेक आयोजन होते है इसमे भी देशी विदेशी पहुंचते है। पर्यटन विभाग बीकानेर के उपनिदेशक कृष्ण कुमार ने पिछले दिनों जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के साथ हुई बैठक में नवंबर में होने वाले बीकानेर फेस्टिवल के बारे में चर्चा की। इस दौरान जिला कलेक्टर ने उन्हें आवश्यक निर्देश दिए थे। राजस्थान में इसी माह विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर पर भी आयोजन होने है।